कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच NEET और JEE परीक्षा को स्थगित करने को लेकर देशभर में छात्रों की ओर से मांग की जा रही है. राजनीतिक दलों ने ऐसे मुश्किल समय में परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर विरोध दर्ज कराया है और फिलहाल परीक्षाओं को टालने की मांग की है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से कोरोना को देखते हुए परीक्षा टालने की मांग की है. उन्होंने एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में कहा कि कोरोना संकट के बीच परीक्षा आयोजित करना सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि परीक्षाएं मई में होनी थी, उस समय कहा गया है कि कोरोना है. अब अगस्त के आखिर में देशभर में कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में लाखों बट्च्चे सेंटर में आएंगे. राज्य में 3 या 4 सेंटर हैं, ऐसे में सभी परीक्षार्थी परीक्षाएं देने आएंगे और एक जगह एकत्रित होंगे. ऐसे में परीक्षाएं कराना कहां तक औचित्यपूर्ण है. ये बात ठीक है कि परीक्षाएं कराना जरूरी हैं. यह परीक्षा मई से सितंबर में की जा सकती है तो बढ़ाकर नवंबर भी की जा सकती है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया है कि परीक्षाओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) पर अमल कैसे होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रकोप कम हो जाए तो परीक्षाएं कराई जा सकती हैं. बता दें कि विभिन्न राज्यों ने NEET-JEE परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की है. पिछले दिनों, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत अन्य लोग केंद्र से परीक्षाओं को टालने की मांग कर चुके हैं.
कांग्रेस के 23 नेताओं की ओर से लिखी गई चिट्ठी को लेकर पार्टी में मचे घमासान पर भूपेश बघेल ने कहा कि यह पार्टी का अंदुरूनी मामला है. हम सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में मजबूती से काम कर रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान नजर रख रहा है. पत्र लिखने वाले नेताओं ने भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति विश्वास व्यक्त किया है.
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