महाराष्ट्र में केंद्र बनाम राज्य: सीएम उद्धव ठाकरे के साले के खिलाफ ED की कार्रवाई, बीजेपी नेता के घर पहुंची BMC

प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मंगलवार को ठाणे में उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर की संपत्ति पर जब्ती की कार्रवाई कर कड़ा संदेश दिया तो बुधवार को बीएमसी की एक टीम बीजेपी नेता मोहित कंबोज के घर में अवैध निर्माण का पता लगाने पहुंच गई.

मुंबई:

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साले की संपत्ति पर मंगलवार को ED की कार्रवाई के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति और गरमा गई है. केंद्र बनाम राज्य की इस लड़ाई में आज बीएमसी अधिकारी बीजेपी नेता मोहित कंबोज भारतीय के घर पहुंचे और उनके घर में हुए निर्माण का सर्वे किया. मोहित कंबोज ने आरोप लगाया कि ये सब उन्हे डराने के लिए किया जा रहा है, लेकिन वो डरेंगे नहीं और महाविकास आघाडी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहेंगे. जबकि दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ED की कार्रवाई को केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग तो शिवसेना सांसद संजय राऊत इसे बीजेपी की तानाशाही करार दे चुके हैं.

बता दें कि केंद्र बनाम राज्य की लड़ाई अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे परिवार तक पहुंच गई है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मंगलवार को ठाणे में उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर की संपत्ति पर जब्ती की कार्रवाई कर कड़ा संदेश दिया तो बुधवार को बीएमसी की एक टीम बीजेपी नेता मोहित कंबोज के घर में अवैध निर्माण का पता लगाने पहुंच गई. हालांकि मोहित कंबोज का कहना है कि ये बदले की भावना से की गई कार्रवाई है. क्योंकि हम सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं. सरकार को हमारे खिलाफ ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे कि वो अपराधिक मामला दर्ज कर सके. लिहाजा ये हथकंडा अपनाया है.

इधर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने श्रीधर पाटणकर के जरिए ठाकरे परिवार को घेरने की कोशिश की है. सोमैया ने पूछा है कि हवाला कारोबारी नंदकिशोर चतुर्वेदी और उद्धव ठाकरे के बीच क्या संबंध है? दरअसल, नंदकिशोर चतुर्वेदी से हुए आर्थिक व्यवहार के चलते ही ED ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर की तकरीबन साढ़े 6 करोड़ की आपत्ति जब्त की.

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि 2010- 12 में भी नंदकिशोर चतुर्वेदी का ट्रांजेक्शन हुआ है, तो मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जानना चाहूंगा कि अब तक आपने इस प्रकार से कितने मनी लॉन्ड्रिंग एक ट्रांजेक्शन किए हैं? वो पैसे कौन से कॉन्ट्रैक्टर के पास से आए हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.

वहीं शिवसेना सांसद संजय राऊत ने इसे बीजेपी की तानशाही प्रवृति की राजनीति बताया है तो एनसीपी नेता शरद पवार ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग. शरद पवार ने कहा कि सच कहूं तो 15 साल पहले यहां बैठे लोगों ने ED का नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन आज गांव गांव में लोग ED को जानने लगे हैं. दुर्भाग्य से इस सबका दुरुपयोग किया जा रहा है. जबकि शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि ये राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई है. जो उनके (केंद्र सरकार) सामने झुकते नहीं है, उनके ऊपर एजेंसियों के राक्षसी तानाशाही वाली कार्रवाई है.

गौरतलब है कि केंद्र बनाम राज्य की लड़ाई में एक और बीजेपी के नेता प्रवीण दरेकर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही हैं. फर्जी मजदूर केस में सेशन  कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद 25 मार्च तक फैसला सुरक्षित रखा है.

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