दिल्ली-एनसीआर में रविवार का दिन भी हवा में फैले धुआंसे यानी स्मॉग के नाम रहा. हालत ये रही कि घरों से बाहर निकलने पर अधिकतर लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स दिन में एक हज़ार और नोएडा, ग़ाज़ियाबाद में डेढ़ हज़ार तक पहुंच गया. हालांकि शाम होते होते थोड़ी हवा चलने से इसमें गिरावट आई लेकिन हवा का स्तर ख़तरनाक बना ही रहा. ये एक तरह की एयर इमरजेंसी है. हालात को देखते हुए दिल्ली के अलावा नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद के स्कूलों को पांच नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया. इस बीच दिल्ली में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अगुवाई में दिल्ली और एनसीआर से जुड़े राज्यों के मुख्य सचिवों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक हुई जिसमें निर्देश दिया गया कि कैबिनेट सेक्रेटरी और इन राज्यों के मुख्य सचिव लगातार वायु प्रदूषण पर निगाह बनाए रखें और उसे कम करने के उपायों पर अमल करते रहें. इस बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन और मौसम विभाग के निदेशक भी मौजूद रहे. जानकारी के मुताबिक दिल्ली में क़रीब 300 टीमों को प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तैनात किया गया है. इन टीमों का मुख्य ध्यान सात औद्योगिक इलाकों, दिल्ली एनसीआर के मुख्य मार्गों, निर्माण से जुड़ी जगहों और कूड़ा-कचरा जलने से जुड़ी जगहों पर है. कई इलाकों में धूल को नीचे बैठाने के लिए पानी का भी छिड़काव किया जा रहा है लेकिन ये सब उपाय नाकाफ़ी ही लग रहे हैं.
दिल्ली में प्रदूषण से जुड़ी 10 खास बातें...
- कैबिनेट सचिव राजीव गौबा दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर प्रतिदिन नजर रखेंगे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न हालात की समीक्षा की.
- एक बयान के अनुसार बैठक में दिल्ली के अधिकरियों के अलावा पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हिस्सा लिया. बयान के मुताबिक, "कैबिनेट सचिव रोजाना आधार पर इन हालात पर नजर रखेंगे." इन राज्यों के मुख्य सचिवों को अपने-अपने राज्यों के विभिन्न जिलों में चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रखने के लिये कहा गया है.
- दिल्ली और आसपास के शहरों में रविवार को वायु प्रदूषण के स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी होने के बाद केन्द्र सरकार को इस मामले में उच्च स्तर पर दखल देना पड़ा है. दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अधिकांश स्थानों पर रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में हवा की गुणवत्ता ‘अति गंभीर' श्रेणी में पहुंच गयी.
- दिल्ली और नोएडा सहित अन्य इलाकों में स्थानीय प्रशासन ने वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य कारणों से मंगलवार को ही आपात स्थिति घोषित कर दी थी. रविवार को प्रदूषित हवाओं से धुंध बढ़ने के बाद दृश्यता में कमी आने के कारण दिल्ली में हवाई यातायात प्रभावित हुआ. इस कारण से दिल्ली आने वाली 32 उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा.
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की वजह से रविवार को हवाईअड्डे पर विमान परिचालन में बाधा आई और यहां आने वाली 32 उड़ानों को धुंध के चलते अन्यत्र भेज दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि इन उड़ानों को अमृतसर, जयपुर, मुम्बई और लखनऊ भेज दिया गया.
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के चलते हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों के सभी स्कूलों में चार और पांच नवंबर को छुट्टी का आदेश दिया. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन दो जिलों में वायु प्रदूषण के कारण चार और पांच नवंबर को सभी स्कूल बंद रहेंगे.
- दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने सभी उपायुक्तों, जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसपर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का खेल नहीं खेलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को चाहिए की एकसाथ बैठें और इस मुद्दे को समाधान निकालें.
- राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में पसरे घने धुंध पर चिंता व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने रविवार को एक शॉर्ट वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया. उन्होंने इसमें कहा कि अगर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ा है, तो इसका कारण पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाया जाना है.
- केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाए जाने के कारण केवल 20 दिनों में प्रदूषण की मात्रा हवा में बढ़ी है. उन्होंने वीडियो में दिल्ली के आसमान की साफ तस्वीर भी दिखाई. उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी से लेकर 10 अक्टूबर तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ठीक था, वायु गुणवत्ता अच्छी थी और आसमान में रात के समय तारे दिखाई देते थे.