स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाया है. अगर इस मामले में किसी को दोषी पाया गया तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि कैबिनेट ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ऑर्डिनेंस जारी करने का फैसला किया है. एपिडेमिक डिसिजेज एक्ट (ईडीए) 1897 में अमेंडमेंट को कैबिनेट ने अप्रूव किया है. स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करना संज्ञेय और गैरजमानती अधराध की श्रेणी आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है, जबकि 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
Central Government has brought an ordinance to end violence against health workers, carries imprisonment from 6 months to 7 years if anyone found guilty. pic.twitter.com/3wonlBuyHT
— ANI (@ANI) April 22, 2020
स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर अपराध करने वाले दोषी पर 6 महीने से 7 साल तक की सजा होगी और एक लाख से 5 लाख तक का जुर्माना लगेगा. डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का नुकसान करने वालों को नुकसान का दोगुना कीमत देना होगा.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आगे बताया कि 723 कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है. 24000 आईसीयू, करीब 2 लाख बेड और 12190 वेंटिलेटर्स तैयार हैं. 1.88 करोड़ पीपीई किट्स के ऑर्डर दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट ने फास्फेटिक फर्टिलाइजर्स की सब्सिडी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने का फैसला लिया है.
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