अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच शुक्रवार से सीबीआई ने शुरू कर दी है. इसके लिए सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच रही है. सीबीआई टीम ने प्रयागराज पुलिस के बड़े अफसरों और मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम से भी बात की है. सीबीआई को हरिद्वार के उस शख्स की भी तलाश है, जिसने नरेंद्र गिरि से कहा था कि उनका शिष्य आनंद गिरि उनकी वीडियो वायरल करने वाला है, जिसकी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली. एसआईटी टीम सीबीआई को जांच सौंपने से पहले आज आखिरी बार महंत नरेंद्र गिरि के बाघम्बरी मठ पहुंची और उन सारे बिंदूओं पे दोबारा जांच की जो उसे सीबीआई को बताने हैं.
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन के अंदर आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर फोटो वायरल कर देगा. मैंने सोचा था कि कहां तक सफाई दूंगा. मैं तो बदनाम हो जाऊंगा, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं.' सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने उस शख्स की पहचान कर ली है, जिसकी इस खबर से परेशान होकर नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की. लेकिन नरेंद्र गिरि के न रहने पर उनके मठ और मंदिर का इंतजाम देख रहे निरंजनी अखाड़े के प्रमुख अभी भी इसे हत्या ही मानते हैं.
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्राचारी ने कहा, 'वो मेरे बहुत अच्छे मित्र थे. इसलिए उन्होंने हर बार मुझसे कहा कि सरकार मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं. मुझे लिखना नहीं आता है, तो मैं आज भी उनकी बात को कह रहा हूं कि वह कभी लिखते ही नहीं थे. मैंने कहा कि मैं आज भी कह रहा हूं कि वह सुसाइड नहीं कर सकते. सुसाइड नोट उनका नहीं है.'
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के सिलसिले में अब सीबीआई के सामने बड़े सवाल ये हैं -
- नरेंद्र गिरि की मौत हत्या या आत्महत्या?
- सुसाइड नोट उनका लिखा है या हत्यारे का काम?
- नरेंद्र गिरि से किसने कहा कि उनकी वीडियो वायरल होने वाली है?
- क्या आनंद गिरि वाकई कोई वीडियो वायरल करने वाले थे?
- नरेंद्र गिरि की कथित फोटो या वीडियो की सच्चाई क्या है?
- आनंद गिरी को उत्तराधिकारी बनाना के बाद नरेंद्र गिरि ने वसियत क्यों बदली?
- आनंद गिरि से नरेंद्र गिरि के झगड़े की असल वजह क्या है?
- मठ की संपत्तियों को बेचने की क्या हकीकत है?
मठ में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी काफी राज छिपे हुए हैं, एसआईटी ने मठ के सारे सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में ले लिए हैं, जिन्हें वह सीबीआई को सौंप रही है. महंत के करीबी संतों को इस बात पे हैरत है कि अगर उनकी कोई फर्जी वीडियो जारी होने वाली थी, तो उन्होंने उन बड़े लोगों से क्यों नहीं शिकायत कि जो उनसे रोज मिलते थे? अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि, ‘एक दिन पहले केशव भाई उनके पास आए थे. दस दिन पहले उनके पास कानून मंत्री भी आए थे. इसके अलावा और तमाम लोग घूमते-फिरते उनके पास आते जाते रहते थे. केपी सिंह का एक दिन पहले आना-जाना हुआ था.
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