केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिए छह-सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है, और वह टीम प्रयागराज के लिए रवाना हो चुकी है. धार्मिक नेता महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को कथित रूप से खुदकुशी कर लेने के कारण मौत हो गई थी.
नरेंद्र गिरि शीर्ष धार्मिक संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख थे. उनकी मौत की तफ्तीश CBI से कराए जाने की सिफारिश उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने की थी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 200 किलोमीटर दूर बने आश्रम में महंत नरेंद्र गिरि को सोमवार दोपहर को मृत पाया गया था. वैसे, देश के प्रभावशाली संतों में शुमार होने वाले महंत नरेंद्र गिरि को देश के शीर्ष राजनेताओं के साथ तस्वीरों में अक्सर देखा जाता रहा है.
13 पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके पुत्र संददीप तिवारी को अपनी मौत के लिए ज़िम्मेदार बताया है. उनका कहना था कि वह एक 'महिला के साथ मॉर्फ कर बनाई गई तस्वीर' की वजह से तनाव में थे.
पुलिस के मुताबिक, अपनी मृत्यु से एक घंटा पहले महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मोबाइल फोन पर एक वीडियो भी शूट किया था. इस वीडियो में लगाए गए आरोप बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे सुसाइड नोट में लिखे गए थे.
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