नई दिल्ली:
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आवंटित धन के इस्तेमाल में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नौकरशाह और एक व्यापारी है। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के पूर्व महाप्रबंधक अभय कुमार बाजेपयी को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया, जबकि परिवार कल्याण महानिदेशक एसपी राम और व्यापारी सौरभ जैन को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार किया गया।
एजेंसी ने कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के आवास सहित लगभग 60 ठिकानों पर छापे मारे थे। इनके बाद उपरोक्त तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। एजेंसी ने गत 2 जनवरी को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कुछ अधिकारियों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए थे। इनमें एक कुशवाहा के खिलाफ था। उन पर उत्तर प्रदेश के 72 जिलों में लागू इस केंद्र द्वारा वित्तपोषित योजना के कार्यान्वयन में करीब 28 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप है।
बहुजन समाज पार्टी के ओबीसी नेता कुशवाहा को करोड़ों रुपये के घोटालों में शामिल होने के आरोपों के बाद मायावती ने मंत्रिमंडल से निकाल दिया था। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत 2005-06 से आज तक उत्तर प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। एजेंसी ने इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश जल बोर्ड के पूर्व महाप्रबंधक पीके जैन को गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
2 जनवरी को जैन के खिलाफ एजेंसी ने एक मामला दर्ज किया, जिसमें उनपर 134 जिला अस्पतालों के सुधार कार्य में 5.46 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप था। इस मामले में एजेंसी का आरोप है कि उत्तर प्रदेश जल बोर्ड की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस को 134 जिला अस्पतालों के सुधार के लिए 13.4 करोड़ रुपये दिए गए। ऐसा आरोप है कि जाली दस्तावेज के आधार पर यह काम गाजियाबाद की एक फर्म को आगे दे दिया गया।
सीबीआई का कहना है कि अस्पताल में जो सामग्री इस्तेमाल की गई वह घटिया दर्जे की थी, जिससे खजाने को करीब 5.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। एजेंसी का दावा है कि गुरुवार को जैन के आवास पर छापे के दौरान एक करोड़ 10 लाख रुपये नकद और तीन किलोग्राम सोना जब्त किया गया।
एजेंसी ने कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के आवास सहित लगभग 60 ठिकानों पर छापे मारे थे। इनके बाद उपरोक्त तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। एजेंसी ने गत 2 जनवरी को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कुछ अधिकारियों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए थे। इनमें एक कुशवाहा के खिलाफ था। उन पर उत्तर प्रदेश के 72 जिलों में लागू इस केंद्र द्वारा वित्तपोषित योजना के कार्यान्वयन में करीब 28 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप है।
बहुजन समाज पार्टी के ओबीसी नेता कुशवाहा को करोड़ों रुपये के घोटालों में शामिल होने के आरोपों के बाद मायावती ने मंत्रिमंडल से निकाल दिया था। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत 2005-06 से आज तक उत्तर प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। एजेंसी ने इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश जल बोर्ड के पूर्व महाप्रबंधक पीके जैन को गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
2 जनवरी को जैन के खिलाफ एजेंसी ने एक मामला दर्ज किया, जिसमें उनपर 134 जिला अस्पतालों के सुधार कार्य में 5.46 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप था। इस मामले में एजेंसी का आरोप है कि उत्तर प्रदेश जल बोर्ड की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस को 134 जिला अस्पतालों के सुधार के लिए 13.4 करोड़ रुपये दिए गए। ऐसा आरोप है कि जाली दस्तावेज के आधार पर यह काम गाजियाबाद की एक फर्म को आगे दे दिया गया।
सीबीआई का कहना है कि अस्पताल में जो सामग्री इस्तेमाल की गई वह घटिया दर्जे की थी, जिससे खजाने को करीब 5.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। एजेंसी का दावा है कि गुरुवार को जैन के आवास पर छापे के दौरान एक करोड़ 10 लाख रुपये नकद और तीन किलोग्राम सोना जब्त किया गया।
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