2007 में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के लिए 35 रेडियो फ़्रीक्वेंसी जेनरेटरों की खरीद में कथित अनियमितता के लिए अमेरिका की एक कंपनी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)द्वारा आरोप लगाया गया है.
डीआरडीओ के डिफेंस एवियोनिक्स रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट (डीएआरई) के वैज्ञानिक अकोन इंक (Akon Inc) और प्रिया सुरेश पर कथित धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. ये जनरेटर 10,80,450 यूएस डॉलर की लागत से खरीदे गए थे. फरवरी 2009 में DRDO को जनरेटर की 35 इकाइयों को तीन खेपों में भेज दिया गया था. कंपनी एकॉन (Akon Inc) ने 90 प्रतिशत भुगतान प्राप्त किया था.
लेकिन डीआरडीओ को भेजी गई 23 इकाइयां डिलीवरी के हफ्तों के भीतर ही मरम्मत और अपग्रेड के नाम पर वापस अमेरिका भेज दी गई थीं और अब तक कंपनी ने पूर्ण कार्यात्मक इकाइयां (complete functional units) प्रदान नहीं की हैं.
प्रिया सुरेश ने इकाइयों को वापस भेजने की सिफारिश की थी लेकिन इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसके बाद, सुश्री सुरेश ने इकाइयों के अधूरे होने और वापस भेजे जाने के बावजूद अमेरिकी कंपनी को शेष भुगतान (10 प्रतिशत) को मंजूरी दे दी.
ऑर्डर की गईं 35 इकाइयों में से केवल 12 इकाइयां ऐसी हैं जो काम नहीं कर रही हैं और वो अभी डीआरडीओ के पास हैं.
प्रारंभिक जांच के बाद, सीबीआई का कहना है कि उन्होंने पाया है कि प्रिया सुरेश और अमेरिका की कंपनी कथित धोखाधड़ी में शामिल थीं. कंपनी और प्रिया सुरेश पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं.
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