नंदिनी सुंदर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा जिले में एक आदिवासी ग्रामीण की हत्या के आरोपों में दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू की एक-एक प्रोफेसर के साथ कुछ माओवादियों और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) एसआरपी कल्लूरी ने बताया, शामनाथ बघेल की हत्या के मामले में शनिवार को उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर माओवादियों और कुछ अन्य के साथ-साथ डीयू की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, अर्चना प्रसाद (जेएनयू प्रोफेसर), विनीत तिवारी (दिल्ली के जोशी अधिकार संस्थान से), संजय पराटे (छत्तीसगढ़ भाकपा के प्रदेश सचिव) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन पर तोंगपाल थाने में आईपीसी की धारा 120 बी, 302, 147, 148 और 149 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. आईजी के अनुसार, जांच के बाद दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामला शनिवार को दर्ज किया गया था, लेकिन सोमवार शाम को यह प्रकाश में आया.
सशस्त्र नक्सलियों ने शामनाथ बघेल की कथित तौर पर धारदार हथियारों से चार नवंबर, शुक्रवार की देर रात को नामा गांव में उसके घर पर हत्या कर दी थी. यह गांव यहां से करीब 450 किलोमीटर दूर है और तोंगपाल इलाके की कुमाकोलेंगे ग्राम पंचायत में आता है. बघेल और उसके कुछ साथी इस साल अप्रैल से उनके गांव में चल रहीं नक्सली गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) एसआरपी कल्लूरी ने बताया, शामनाथ बघेल की हत्या के मामले में शनिवार को उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर माओवादियों और कुछ अन्य के साथ-साथ डीयू की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, अर्चना प्रसाद (जेएनयू प्रोफेसर), विनीत तिवारी (दिल्ली के जोशी अधिकार संस्थान से), संजय पराटे (छत्तीसगढ़ भाकपा के प्रदेश सचिव) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन पर तोंगपाल थाने में आईपीसी की धारा 120 बी, 302, 147, 148 और 149 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. आईजी के अनुसार, जांच के बाद दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामला शनिवार को दर्ज किया गया था, लेकिन सोमवार शाम को यह प्रकाश में आया.
सशस्त्र नक्सलियों ने शामनाथ बघेल की कथित तौर पर धारदार हथियारों से चार नवंबर, शुक्रवार की देर रात को नामा गांव में उसके घर पर हत्या कर दी थी. यह गांव यहां से करीब 450 किलोमीटर दूर है और तोंगपाल इलाके की कुमाकोलेंगे ग्राम पंचायत में आता है. बघेल और उसके कुछ साथी इस साल अप्रैल से उनके गांव में चल रहीं नक्सली गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
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