विज्ञापन
This Article is From Dec 28, 2020

आज से मालगाड़ी से जाएगा बुंदेलखंड का बालू, रेलवे के कूदने से अवैध खनन बढ़ने की आशंका

बांदा के सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर बताते हैं कि रेलवे के रेत ढुलाई में कूदने के चलते अब बड़ी कंपनियां और राजनेता भी बुंदेलखंड के खनन में हाथ अजमा रहे हैं.

आज से मालगाड़ी से जाएगा बुंदेलखंड का बालू, रेलवे के कूदने से अवैध खनन बढ़ने की आशंका
बुंदेलखंड में रेत ढुलाई में भारतीय रेलवे की एंट्री
नई दिल्ली:

सोमवार से बुंदेलखंड के बालू को रेलवे अपने मालगाड़ी से दूसरे राज्यों में पहुंचाएगा. इसकी पहली खेप सोमवार को बुंदेलखंड के बांदा से राजस्थान के उदयपुर मालगाड़ी से पहुंचाएगी. इसके जरिए जहां रेलवे को करोड़ों रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है. वहीं, कई सामाजिक कार्यकर्ता केन, बेतवा और यमुना नदी में अत्याधिक खनन होने की आशंका भी जता रहे हैं. 

बांदा से मालगाड़ी के जरिए बुंदेलखंड की लाल रेत उदयपुर जाएगी. एक रैक में करीब 70 टन बालू को लोड किया जाएगा. इसके लिए बांदा, हमीरपुर और चित्रकूट से सैकडों टन बालू ट्रकों के जरिए बांदा पहुंचाया गया है. 

बुंदेलखंड के खनन की CBI जांच भी: बुंदेलखंड का ये इलाका मध्य प्रदेश की सीमा से सटा है. तीन प्रमुख नदियों में खनन के चलते बीते सालों के मुकाबले इस साल बालू खनन के ठेके में सात गुने तक बढ़ोत्तरी हुई है. इस मामले में सीबीआई जांच भी चल रही है. हालांकि, जांच की रफ्तार बहुत धीमी है. 

बांदा के सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर बताते हैं कि रेलवे के रेत ढुलाई में कूदने के चलते अब बड़ी कंपनियां और राजनेता भी बुंदेलखंड के खनन में हाथ अजमा रहे हैं. जिसके चलते इस इलाके के पर्यावरण और केन बेतवा नदी की जैव विविधता को खासा नुकसान पहुंचने की उम्मीद है. 

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक ने अति खनन पर रोक लगा रखी है उसके बावजूद नदी के अंदर तक अस्थाई रास्ते बनाकर खनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि केन नदी आज पूरी तरह जल विहीन हो रही हैं. वहीं जलचर मसलन मगरमच्छ, डॉल्फिन खत्म हो रही हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com