बजट 2020: बजट में बढ़ सकती है भविष्य निधि की पेंशन योजना की न्यूनतम राशि

श्रमिक संगठनों का कहना है कि संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को 3,000 रुपये से कम पेंशन देने का कोई मतलब नहीं है.

बजट 2020: बजट में बढ़ सकती है भविष्य निधि की पेंशन योजना की न्यूनतम राशि

इस बजट में भविष्य निधि की पेंशन योजना की न्यूनतम राशि को बढ़ाया जा सकता है.

खास बातें

  • बजट में पीएफ पेंशन प्लान की न्यूनतम राशि में बढ़ोतरी हो सकती है
  • 1 फरवरी को पेश किया जाना है बजट
  • कर्मचारियों को अच्छी खबर मिल सकती है
नई दिल्ली:

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation) की पेंशन योजना ‘ईपीएस' के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को इस बजट में अच्छी खबर मिल सकती है. योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है. क्षेत्र के विशेषज्ञों का ऐसा मानना है. इसके साथ ही अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) का दायरा बढ़ाने और एनपीएस (NPS) में अतिरिक्त कर छूट की घोषणा भी की जा सकती है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को 2020-21 का बजट पेश करेंगी.

श्रमिक संगठनों का कहना है कि सरकार जब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों और व्यापारियों तक के लिये 3,000 रुपये की पेंशन देने का प्रावधान कर सकती है तो फिर संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को इससे कम पेंशन देने का कोई मतलब नहीं है. श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने इस बारे में कहा, ‘‘हमने सरकार को ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव दिया है. इस बार के बजट में न्यूनतम पेंशन बढ़ाये जाने की घोषणा होने की उम्मीद है.''

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कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने को लेकर संघर्ष कर रहे ईपीएस, 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा, ‘‘हमने श्रम मंत्री से मुलाकात कर ईपीएस के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर महंगाई भत्ते के साथ 7,500 रुपये मासिक करने की मांग की है.'' उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी है. उल्लेखनीय है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये पीएम श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM)  और छोटे व्यापारियों के लिये प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना (pmlvmy) चलायी जा रही हैं. 

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दोनों योजनाओं में लाभार्थियों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3,000-3,000 रुपये मासिक पेंशन देने की व्यवस्था है. उधर, पेंशन कोष नियामक (PFRDA) ने भी आगामी बजट में नयी पेंशन प्रणाली में एक लाख रुपये तक के निवेश पर कर छूट देने की सिफारिश की है. अभी व्यक्तिगत करदाताओं को आयकर कानून की धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत एनपीएस पर 50,000 रुपये तक के निवेश पर अतिरिक्त कर लाभ मिलता है. इसके अलावा पीएफआरडीए ने वित्त मंत्रालय से अटल पेंशन योजना के तहत उम्र सीमा बढ़ाकर 40 से 60 करने का भी आग्रह किया है. साथ ही मौजूदा अधिकतम पेंशन सीमा 5,000 रुपये को बढ़ाकर 10,000 रुपये मासिक करने का अनुरोध किया है. फिलहाल, अटल पेंशन योजना 18 से 40 वर्ष के लोग ले सकते हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)