फाइल फोटो
जम्मू:
बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर इस साल की शुरुआत से लेकर 31 अक्टूबर तक अवैध रूप से घुस आए 87 रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा है. इनमें से 76 रोहिंग्या को वापस लौटा दिया गया है. डीजी ने कहा कि बीएसएफ इन रोहिंग्या को गिरफ्तार नहीं कर सकती है अगर करती है वो उनकी जिम्मदारी बन जाएगी. बीएसएफ डीजी ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि इन पकड़े लोगों के पास कुछ भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है लेकिन सहयोगी एजेंसियों के मुताबिक इन रोहिंग्या के रिश्ते आतंकी संगठनों से हो सकते है, इसलिए सीमा पर अतिरिक्त चौकसी बढ़ाई गई है.
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पूछताछ से पता चला है कि यह रोहिंग्या बांग्लादेश के शिविरों में आम सुविधाएं भी न होने से नाख़ुश थे. इसलिए यह लोग वहां नहीं रहना चाहते थे. इन रोहिंग्या मुसलमानों से पूछताछ में पता चला है कि कुछ एजेंट बेहतर नौकरी के लिए इनको भारत आने का प्रलोभन देते थे कि वह भारत के जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्वयं अपने मुस्लिम समाज के साथ रह सकते हैं.
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एजेंट उनको ये भी आश्वासन देते हैं कि वह उनको सीमा पार पहुंचा देंगे और कुछ पैसों के बदले सारा इंतज़ाम कर देंगे. ज़्यादातर रोहिंग्या जम्मू का रुख़ करते हैं क्योंकि वहां पहले ही कुछ सालों से रोहिंग्या आबादी बसी है. जब कोई रोहिंग्या जम्मू पहुंच जाता है तो कुछ महीने वहां बिताने के बाद अपने रिश्तेदारों को बेहतर कमाई की बात कह कर बुलाता है. अगर वहां किसी की नौकरी नहीं लगती तो वह दूसरे राज्यों का रुख़ कर लेते हैं.
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बीएसएफ प्रमुख के मानें तो रोहिंग्याओं का मुद्दा जटिल है. हमारी नीति भारत अनाधिकृत प्रवेश करने वाले किसी भी शख़्स को वापस भेजने को है. भारत-बांग्लादेश सीमा पर हमारे लिए शक्ल-सूरत और भाषा के आधार पर पहचान करना मुश्किल काम होता है. भारत में ऐसी घुसपैठ करने वालों को हम गिरफ्तार नहीं करते क्योंकि फिर वह ज़िम्मेदारी बन जाते हैं. इसकी बजाय हम उनको वापस धकेल देते हैं. मेरी सूचना है कि बांग्लादेश में नौ से दस लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं, जिनकी भारत आने की संभावना हमेशा बनी रहती है. हम उनको वापस जाने पर मजबूर करते हैं, गिरफ्तार नहीं करते हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों में 36000 रोहिंग्या हैं.
बीएसएफ भारत-बांग्लादेश के दुर्गम क्षेत्रों में स्मार्ट-फेंसिंग लगाने जा रही है जो बीएसएफ के जवानों के लिए मददगार साबित होगी. इसके लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर गृह मंत्रालय से पांच अतिरिक्त बटालियनों को तैनाती की मांग की है.
VIDEO: NDTV से बोले BSF के डीजी, सीमा पर बढ़ाई गई है चौकसी
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पूछताछ से पता चला है कि यह रोहिंग्या बांग्लादेश के शिविरों में आम सुविधाएं भी न होने से नाख़ुश थे. इसलिए यह लोग वहां नहीं रहना चाहते थे. इन रोहिंग्या मुसलमानों से पूछताछ में पता चला है कि कुछ एजेंट बेहतर नौकरी के लिए इनको भारत आने का प्रलोभन देते थे कि वह भारत के जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्वयं अपने मुस्लिम समाज के साथ रह सकते हैं.
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बीएसएफ भारत-बांग्लादेश के दुर्गम क्षेत्रों में स्मार्ट-फेंसिंग लगाने जा रही है जो बीएसएफ के जवानों के लिए मददगार साबित होगी. इसके लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर गृह मंत्रालय से पांच अतिरिक्त बटालियनों को तैनाती की मांग की है.
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