नई दिल्ली:
फेसबुक पर खाने की गुणवत्ता को लेकर वीडियो के जरिए शिकायत कर चुके बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का एक नया वीडियो सामने आया है. इस विडियो में तेज बहादुर ने लोगों से गुहार लगाई है कि उनकी मदद की जाए और साथ ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि पीएम का ही कहना था कि भ्रष्टाचार को जड़ से निकाल फेंका जाएगा, और इसलिए उन्होंने बीएसएफ का खाने वाला वीडियो बनाया था. इस वीडियो में तेज बहादुर ने यह भी आरोप लगाया है कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
आइए, अब आपको शब्दश: पढ़ाते हैं कि तेज बहादुर ने वीडियो में क्या कहा है- '10 जनवरी 2017 से मेरा मोबाइल जमा हो गया था. उसके बाद से मुझे जानकारी मिली है कि शायद मेरे मोबाइल अकाउंट से कुछ छेड़खानी की गई, जिसमें पाकिस्तान से मेरे कुछ दोस्त पाए गए. इसलिए आप उन झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें. जब तक मेरा खुद का अपना कोई वीडियो आपके सामने न हो. मैं आपके माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि मैंने जो बीएसएफ का खाना दिखाया था, वह बिलकुल सत्य था, लेकिन उसके बावजूद भी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई और मुझे ही मेंटली टॉर्चर किया जा रहा है.'
उन्होंने इस वीडियो में आग कहा, 'मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है. मैंने सिर्फ यही किया था कि प्रधानमंत्री खुद चाहते थे कि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो. मैंने भी यही उम्मीद करके अपने डिपार्टमेंट का भ्रष्टाचार दिखाया था. क्या भ्रष्टाचार दिखाने का मुझे यही न्याय मिला. आप सभी से अनुरोध है कि पूरा देश प्रधानमंत्री से पूछे कि एक जवान ने खाने का भ्रष्टाचार दिखाया, क्या उसका न्याय उसे यही दिया जाता है कि उसे ही टॉर्चर किया जाए. मेरा वीआरएस भी रोक दिया गया है.'
जल्द पूरी हो जाएगी जांच
बीएसएफ कर्मियों को खराब खाना देने का आरोप लगाने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के खिलाफ गठित जांच अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि स्टाफ कोर्ट ऑफ एन्क्वायरी जल्द ही अपनी जांच पूरी कर लेगा और यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक को अपनी सिफारिशें सौंपेगा. इसी बीच गृह मंत्रालय ने यादव के नए वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बीएसएफ से इस पर जांच के हिस्से के तौर पर ध्यान देने को कहा. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यादव ने अनुशासन की सीमा पार की और दूसरा वीडियो डालकर सेवा नियमों को तोड़ा.
क्या है पूरा मामला
इसी साल जनवरी में तेज बहादुर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को ठीक से खाना नसीब नहीं हो रहा है और कई बार उन्हें भूखा सोना पड़ता है. वीडियो के वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रिपोर्ट तलब की थी. सिंह ने होम सेक्रेटरी से कहा था कि वो बीएसएफ से फौरन रिपोर्ट तलब करें. गृहमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट भी किया था जिसमें कहा था, "मैंने बीएसएफ जवान की दशा का वीडियो देखा है. मैंने गृह सचिव को तत्काल बीएसएफ से रिपोर्ट तलब करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है."
जवान ने दावा किया था, 'हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. क्योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर उच्च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता. कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. मैं आपको नाश्ता दिखाऊंगा जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है, उसके साथ अचार नहीं होता. दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा. मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.'
(इनपुट एजेंसी से भी)
आइए, अब आपको शब्दश: पढ़ाते हैं कि तेज बहादुर ने वीडियो में क्या कहा है- '10 जनवरी 2017 से मेरा मोबाइल जमा हो गया था. उसके बाद से मुझे जानकारी मिली है कि शायद मेरे मोबाइल अकाउंट से कुछ छेड़खानी की गई, जिसमें पाकिस्तान से मेरे कुछ दोस्त पाए गए. इसलिए आप उन झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें. जब तक मेरा खुद का अपना कोई वीडियो आपके सामने न हो. मैं आपके माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि मैंने जो बीएसएफ का खाना दिखाया था, वह बिलकुल सत्य था, लेकिन उसके बावजूद भी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई और मुझे ही मेंटली टॉर्चर किया जा रहा है.'
उन्होंने इस वीडियो में आग कहा, 'मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है. मैंने सिर्फ यही किया था कि प्रधानमंत्री खुद चाहते थे कि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो. मैंने भी यही उम्मीद करके अपने डिपार्टमेंट का भ्रष्टाचार दिखाया था. क्या भ्रष्टाचार दिखाने का मुझे यही न्याय मिला. आप सभी से अनुरोध है कि पूरा देश प्रधानमंत्री से पूछे कि एक जवान ने खाने का भ्रष्टाचार दिखाया, क्या उसका न्याय उसे यही दिया जाता है कि उसे ही टॉर्चर किया जाए. मेरा वीआरएस भी रोक दिया गया है.'
जल्द पूरी हो जाएगी जांच
बीएसएफ कर्मियों को खराब खाना देने का आरोप लगाने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के खिलाफ गठित जांच अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि स्टाफ कोर्ट ऑफ एन्क्वायरी जल्द ही अपनी जांच पूरी कर लेगा और यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक को अपनी सिफारिशें सौंपेगा. इसी बीच गृह मंत्रालय ने यादव के नए वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बीएसएफ से इस पर जांच के हिस्से के तौर पर ध्यान देने को कहा. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यादव ने अनुशासन की सीमा पार की और दूसरा वीडियो डालकर सेवा नियमों को तोड़ा.
क्या है पूरा मामला
इसी साल जनवरी में तेज बहादुर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को ठीक से खाना नसीब नहीं हो रहा है और कई बार उन्हें भूखा सोना पड़ता है. वीडियो के वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रिपोर्ट तलब की थी. सिंह ने होम सेक्रेटरी से कहा था कि वो बीएसएफ से फौरन रिपोर्ट तलब करें. गृहमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट भी किया था जिसमें कहा था, "मैंने बीएसएफ जवान की दशा का वीडियो देखा है. मैंने गृह सचिव को तत्काल बीएसएफ से रिपोर्ट तलब करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है."
I have seen a video regarding a BSF jawan's plight. I have asked the HS to immediately seek a report from the BSF & take appropriate action.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 9, 2017
जवान ने दावा किया था, 'हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. क्योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर उच्च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता. कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. मैं आपको नाश्ता दिखाऊंगा जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है, उसके साथ अचार नहीं होता. दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा. मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.'
(इनपुट एजेंसी से भी)
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