नई दिल्ली:
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलितब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने गुरुवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के कार्यकाल में दूरसंचार कम्पनियों को दिए गए 122 स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द करने का सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है।
करात ने एनडीटीवी से कहा, "हमारे विचार में सर्वोच्च न्यायालय का गुरुवार का फैसला बेहद उपयुक्त है। हम मांग करते हैं कि सरकार को इस पर तुरंत अमल करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "यह एक ऐतिहासिक फैसला है।" करात ने कहा कि वह संसद और उसके बाहर भी यह मांग करती रही हैं कि न केवल राजकोष को पहुंचाए गए नुकसान में सम्मिलित रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए बल्कि अवैध रूप से दिए गए लाइसेंस रद्द किए जाएं और पूरा पैसा वसूल किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने राजा के कार्यकाल में दूरसंचार कम्पनियों को आवंटित किए गए सभी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और मामले में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की भूमिका की जांच का फैसला निचली अदालत पर छोड़ दिया है। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में चिदम्बरम की कथित भूमिका की जांच की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। जब कम्पनियों को लाइसेंस आवंटित किए गए थे तब चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।
करात ने एनडीटीवी से कहा, "हमारे विचार में सर्वोच्च न्यायालय का गुरुवार का फैसला बेहद उपयुक्त है। हम मांग करते हैं कि सरकार को इस पर तुरंत अमल करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "यह एक ऐतिहासिक फैसला है।" करात ने कहा कि वह संसद और उसके बाहर भी यह मांग करती रही हैं कि न केवल राजकोष को पहुंचाए गए नुकसान में सम्मिलित रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए बल्कि अवैध रूप से दिए गए लाइसेंस रद्द किए जाएं और पूरा पैसा वसूल किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने राजा के कार्यकाल में दूरसंचार कम्पनियों को आवंटित किए गए सभी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और मामले में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की भूमिका की जांच का फैसला निचली अदालत पर छोड़ दिया है। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में चिदम्बरम की कथित भूमिका की जांच की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। जब कम्पनियों को लाइसेंस आवंटित किए गए थे तब चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।
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