रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्यसभा में कहा कि जवानों का सोशल मीडिया में अपनी बात रखना सेना के अनुशासन का उल्लंघन है.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि अगर सेना का जवान अपनी बात सीधे सोशल मीडिया में रखता है तो यह सेना के अनुशासन का उल्लंघन है. रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि सेना के अंदर शिकायतों को लेकर एक प्रक्रिया बनी हुई है और हर जवान को इसका पालन करना चाहिए.
गौरतलब है कि पहले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर और फिर सेना के जवान यज्ञ प्रताप ने अपनी शिकायत सोशल मीडिया में रखी. तेज बहादुर ने जहां अपने यहां खाने की खराब क्वालिटी की बात की तो वहीं यज्ञ प्रताप ने सेना के अधिकारियों पर जवानों का शोषण करने का आरोप लगाया.
पर्रिकर ने कहा कि सोशल मीडिया में समस्या पोस्ट करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. अगर किसी पलटन में ऐसी कोई बात होती है तो जवान पहले कमांडिंग अधिकारी यानि सीओ से कहें. अगर यहां भी जवान की बात नहीं सुनी जाती है तो सीधे सेना प्रमुख को अपनी बात कह सकते हैं, या तो चिट्ठी के जरिए या फिर व्हाट्सऐप नंबर के जरिए. और अगर सेना प्रमुख के स्तर पर भी शिकायत का निपटारा नहीं होता है तो जवान रक्षा मंत्री के पास भी अपनी बात कह सकते हैं.
रक्षा मंत्री के मुताबिक जवानों से मिले फीड बैक के आधार पर खाने की क्वालिटी में सुधार हुआ है. मसलन पहले सेना में स्थानीय स्तर पर चिकन की खरीद होती थी लेकिन अब फ्रोजन चिकन भी खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं अब जवानों को रोजाना दो अंडे खाने को दिए जाते हैं जबकि पहले एक अंडा दिया जाता था. रक्षा मंत्री के मुताबिक फीडबैक और जानकारी के आधार पर और भी सुधार किए जाते रहेंगे.