दिल्ली के शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में एक शिशु की मौत के कुछ दिन बाद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता ज़ेन गुणारत्न सदावर्ते ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रदर्शनों में बच्चों को शामिल होने से रोकने के लिए निर्देश दिए जाएं. 12 वर्षीय छात्रा ने पत्र में कहा कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के आयोजक और शिशु के माता-पिता उसके अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहे हैं.
दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 30 जनवरी को चार माह के मोहम्मद जहां की मौत हो गई थी. पीटीआई ने इस शिशु की मां से सबसे पहले बात की थी. पत्र में मुंबई से सातवीं कक्षा की छात्रा ने आरोप लगाया कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों में शिशुओं और बच्चों को शामिल करना उनके अधिकारों का उल्लंघन है.
जेन ने अपने पत्र में कहा कि विरोध प्रदर्शन में बच्चों और शिशुओं को शामिल करना अत्याचार और क्रूरता है. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन में बच्चों की संलिप्तता का संज्ञान लेने में पुलिस विफल रही. उन्होंने शीर्ष अदालत से बच्चों की इस तरह की संलिप्तता को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की अपील की.
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जेन ने मुंबई में मीडिया संस्थानों को यह पत्र जारी भी किया और दावा कि यह घटना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शिशु के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं