यह ख़बर 20 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पानी के भीतर ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण

खास बातें

  • भारत ने समुद्र से मार करने वाले तथा ध्वनि की गति से तेज चलने वाले प्रक्षेपास्त्र 'ब्रह्मोस' का बुधवार को आंध्र प्रदेश की समुद्रतट पर बंगाल की खाड़ी में पानी के भीतर सफल परीक्षण किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भुवनेश्वर:

भारत ने समुद्र से मार करने वाले तथा ध्वनि की गति से तेज चलने वाले प्रक्षेपास्त्र 'ब्रह्मोस' का बुधवार को आंध्र प्रदेश की समुद्रतट पर बंगाल की खाड़ी में पानी के भीतर सफल परीक्षण किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

प्रक्षेपास्त्र के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा, "यह बहुत बड़ी उपलब्धि है तथा भारत के लिए यह क्षण गर्व करने लायक है।"

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रवक्ता प्रवीण पाठक ने कहा, "विशाखापट्टनम बंदरगाह से लगे प्रक्षेपण प्लेटफॉर्म से प्रक्षेपास्त्र के पनडुब्बी से मार करने वाले परीक्षण के अंतर्गत 2.10 बजे इसे प्रक्षेपित किया गया।"

पाठक ने कहा, "पहली बार हुआ किसी ध्वनि की गति से तेज समुद्र से मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र को समुद्र के भीतर से पृथ्वी के लम्बवत लांच किया गया।" उन्होंने कहा, "प्रक्षेपास्त्र ने अपनी 290 किलोमीटर के लक्ष्य के लिए लम्बवत उड़ान भरी। पूर्व निर्धारित कक्षा के अनुसार प्रक्षेपास्त्र पानी से बाहर आया तथा अपने लक्ष्य की तरफ मुड़ गया। प्रक्षेपास्त्र ने अपने सभी लक्ष्यों को पूरा किया।"

ब्रह्मोस 300 किलोग्राम तक पारंपरिक युद्धसामग्री वहन कर सकता है। इसकी गति मैक 2.8 है, जो अमेरिकी सबसोनिक टॉमहॉक क्रूज प्रक्षेपास्त्र से तीन गुना ज्यादा है। ब्रह्मोस दुनिया के सबसे तेज क्रूज प्रक्षेपास्त्रों में से एक है।

ब्रह्मोस को पनडुब्बी, पानी के जहाज तथा विमान से भी छोड़ा जा सकता है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है।

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ब्रह्मोस को भारत तथा रूस ने मिलकर विकसित किया है।