नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को लगातार छठे दिन संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और कार्यवाही बाधित की।
लोकसभा और राज्यसभा में दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तब भी स्थिति पूर्ववत ही बनी रही, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। संसद की कार्यवाही इससे पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
संसद के दोनों सदनों में हुए हंगामे में हालांकि केवल भाजपा की भूमिका नहीं थी, बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सहयोगियों ने भी खूब हंगामा किया। उनका मुद्दा हालांकि बिल्कुल अलग था।
डीएमके के साथ-साथ तमिलनाडु की अन्य पार्टियों ने भी श्रीलंका के सैनिकों को प्रशिक्षण देने का विरोध करते हुए संसद में नारेबाजी की और बाद में सदन से बहिर्गमन कर गए।
भाजपा कोयला ब्लॉक आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के पद से मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरती जाने के कारण सरकारी खजाने को 1.86 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में बयान दिया था लेकिन भाजपा उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है।
भाजपा अपनी मांग को लेकर 21 अगस्त से ही संसद में हंगामा कर रही है, जिसके कारण कोई भी संसदीय काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आंतरिक सुरक्षा, किसानों, महंगाई तथा आर्थिक सुस्ती से सम्बंधित विधेयकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
लोकसभा और राज्यसभा में दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तब भी स्थिति पूर्ववत ही बनी रही, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। संसद की कार्यवाही इससे पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
संसद के दोनों सदनों में हुए हंगामे में हालांकि केवल भाजपा की भूमिका नहीं थी, बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सहयोगियों ने भी खूब हंगामा किया। उनका मुद्दा हालांकि बिल्कुल अलग था।
डीएमके के साथ-साथ तमिलनाडु की अन्य पार्टियों ने भी श्रीलंका के सैनिकों को प्रशिक्षण देने का विरोध करते हुए संसद में नारेबाजी की और बाद में सदन से बहिर्गमन कर गए।
भाजपा कोयला ब्लॉक आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के पद से मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरती जाने के कारण सरकारी खजाने को 1.86 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में बयान दिया था लेकिन भाजपा उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है।
भाजपा अपनी मांग को लेकर 21 अगस्त से ही संसद में हंगामा कर रही है, जिसके कारण कोई भी संसदीय काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आंतरिक सुरक्षा, किसानों, महंगाई तथा आर्थिक सुस्ती से सम्बंधित विधेयकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
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