कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड विवाद (Kanjurmarg metro car shed controversy) पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) की प्रतिक्रिया आई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड का विवाद सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं. अपनी पर्सनल डिफरेंस को अदालत में न लाएं. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार (Central government) को फटकार लगाई है.
हाईकोर्ट ने कहा कि एमएमआरडीए कांजूर मार्ग की जमीन के मालिक को कीमत चुकाने को तैयार है. केंद्र सरकार इस पर भी विचार करे. जनहित के प्रोजेक्ट को अमल में लाना जरूरी है. जनता के लिए काम करते समय सरकार को आपसी मतभेद से बचना चाहिए.
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गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना ने आरे जंगल से मेट्रो 3 के कारशेड को हटाने का मुद्दा उठाया था. सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसका ऐलान भी किया था, लेकिन मामला अदालत में जाने के बाद अब कांजुरमार्ग में मेट्रो कारशेड के कामकाज पर रोक लगा दी गई थी.
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