
सहरसा में घटनास्थल पर मौजूद भीड़.
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नौ वर्षीय चिराग जायसवाल एक जनवरी की शाम से लापता था
रेलवे पटरी के समीप पानी से भरे गड्ढे में मिला चिराग का शव
घटनास्थल पर पहुंचीं दो बहनों और उनकी सहेली को भी लगा करंट
बताया जाता है कि सहरसा के सदर थाना क्षेत्र के डीवी रोड निवासी संतोष जायसवाल का नौ वर्षीय पुत्र चिराग एक जनवरी की शाम से लापता था. काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला. परिजनों ने इसकी सूचना सदर थाने में दी थी. पुलिस भी बच्चे का पता नहीं लगा सकी.
गुरुवार की सुबह रेलवे पटरी के समीप एक गड्ढे में पड़े बच्चे के शव पर एक व्यक्ति की नजर पड़ी. उसने इसकी सूचना मोहल्ले वालों को दी. चिराग के परिजनों को जब इस बारे में पता चला तो उसकी दो बहनें 15 वर्षीय मुस्कान, 17 वर्षीय निधि तथा डीबी रोड के एक अन्य निवासी किशोर दास की 19 वर्षीय पुत्री कोमल उक्त स्थान पर पहुंचीं. वे शव को देखकर पहचान गईं. भाई की मौत से आहत दोनों बहनें और उनकी सहेली पानी से भरे गड्ढे में से चिराग का शव निकालने का प्रयास करने लगीं.
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मुस्कान, निधि और कोमल को नहीं पता था कि मौत यहां उनका इंतजार कर रही है. गड्ढे में बिजली का तार पड़ा था जिसमें से करंट प्रवाहित हो रहा था. उन्हें करंट लगा और तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
सहरसा अनुमंडल के पुलिस अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने बताया कि चिराग एक जनवरी को घर से खेलने के लिए निकला था. वह पतंग उड़ाते हुए तार की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बारे में किसी को पता नहीं चल पाया था और उसे लापता समझा जा रहा था. सहरसा सदर थाना के प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि सभी शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.
VIDEO : छात्र की करंट लगने से मौत
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया और सड़क जाम किया. नाराज लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया. लोगों ने कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया. लोगों का कहना था कि अगर पुलिस त्वरित कार्रवाई करती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. आक्रोशित लोगों ने जबरन बाजार बंद करवाया तथा बिजली विभाग के खिलाफ भी रोष वक्त किया. बाद में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समझाए जाने के बाद लोग शांत हुए. आपदा मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने पीड़ित परिजनों को 4-4 लाख रुपये का चेक मुआवजे के तौर पर प्रदान किया है.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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