नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के दौरान भारत के पांच सैन्यकर्मियों की हत्या पर गहरा दुख जताया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपने शोक संदेश में मनमोहन ने कहा, मैं अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
गौरतलब है कि दक्षिण सूडान में जोंगलेई के गुरमुक में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के दौरान भारतीय सैनिकों के 32-सदस्यीय काफिले पर हमला किया गया। इस हमले में भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित पांच सैन्यकर्मी मारे गए।
शहीद सैनिकों के नाम हैं- लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह, नायब सूबेदार शिव कुमार पाल, हवलदार हीरा लाल, हवलदार भरत सासमल और लांस नायक नंदकिशोर जोशी। हमले में चार अन्य लोग भी घायल हो गए। शहीद सैनिकों के शव आज रात दिल्ली लाए जाएंगे।
सूडान में दो बटालियनों में भारत के लगभग 2200 सैनिक तैनात हैं। इनमें से एक बटालयिन जोंगलेई और अन्य बटालियन सूडान की सीमा से लगे मलाक्कल में तैनात है। जुलाई, 2011 में स्वतंत्र होने के बाद से दक्षिण सूडान में नस्ली हिंसा जारी है। यहां की पिबोर काउंटी में सबसे अधिक हिंसा होती है। यह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का मुख्य गढ़ है। इस सेना में काफी बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक भी हैं।
चित्र परिचय : (ऊपर की पंक्ति में बाएं से) लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह, नायब सूबेदार शिवकुमार पाल तथा हवलदार भरत सासमल। (नीचे की पंक्ति में बाएं से) हवलदार हीरा लाल तथा लांसनायक नंदकिशोर जोशी।
गौरतलब है कि दक्षिण सूडान में जोंगलेई के गुरमुक में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के दौरान भारतीय सैनिकों के 32-सदस्यीय काफिले पर हमला किया गया। इस हमले में भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित पांच सैन्यकर्मी मारे गए।
शहीद सैनिकों के नाम हैं- लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह, नायब सूबेदार शिव कुमार पाल, हवलदार हीरा लाल, हवलदार भरत सासमल और लांस नायक नंदकिशोर जोशी। हमले में चार अन्य लोग भी घायल हो गए। शहीद सैनिकों के शव आज रात दिल्ली लाए जाएंगे।
सूडान में दो बटालियनों में भारत के लगभग 2200 सैनिक तैनात हैं। इनमें से एक बटालयिन जोंगलेई और अन्य बटालियन सूडान की सीमा से लगे मलाक्कल में तैनात है। जुलाई, 2011 में स्वतंत्र होने के बाद से दक्षिण सूडान में नस्ली हिंसा जारी है। यहां की पिबोर काउंटी में सबसे अधिक हिंसा होती है। यह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का मुख्य गढ़ है। इस सेना में काफी बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक भी हैं।
चित्र परिचय : (ऊपर की पंक्ति में बाएं से) लेफ्टिनेंट कर्नल महिपाल सिंह, नायब सूबेदार शिवकुमार पाल तथा हवलदार भरत सासमल। (नीचे की पंक्ति में बाएं से) हवलदार हीरा लाल तथा लांसनायक नंदकिशोर जोशी।
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