प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संगठन के नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सरकार के विरोध के तीन कारण
भारतीय मजदूर संगठन के अध्यक्ष बैजनाथ राय ने एनडीटीवी से कहा कि इस विरोध के पीछे तीन मुख्य वजहें हैं। सरकार ने अगस्त 2015 में मजदूरों के कल्याण, न्यूनतम वेतन और बोनस को लेकर उनकी मांगों पर जो आश्वासन दिए थे उनको अब तक पूरा नहीं किया है। सरकार ने बिना मजदूर संगठनों से बात किए डिफेन्स और फार्मा सेक्टरों में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी। नई राष्ट्रीय टैक्सटाइल पॉलिसी में ठेके की मजदूरी की जगह "फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रेक्ट " का प्रावधान शामिल किया जो गलत है।
उधर सरकार ने कहा है कि वह बीएमएस की मांगों को लेकर गंभीर है और उनकी 12 में से 7 मांगों को सरकार पहले ही मान चुकी है।
मांगों पर विचार कर रही है सरकार
एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मज़दूर संगठन के विरोध पर एनडीटीवी से बात करते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, "मजदूर संगठनों की बाकी मांगों पर विचार करने के लिए 18 जुलाई को सभी मजदूर संगठनों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया गया है। हम गंभीरता से उनकी मांगों पर विचार कर रहे हैं।"
सरकार के विरोध के तीन कारण
भारतीय मजदूर संगठन के अध्यक्ष बैजनाथ राय ने एनडीटीवी से कहा कि इस विरोध के पीछे तीन मुख्य वजहें हैं। सरकार ने अगस्त 2015 में मजदूरों के कल्याण, न्यूनतम वेतन और बोनस को लेकर उनकी मांगों पर जो आश्वासन दिए थे उनको अब तक पूरा नहीं किया है। सरकार ने बिना मजदूर संगठनों से बात किए डिफेन्स और फार्मा सेक्टरों में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी। नई राष्ट्रीय टैक्सटाइल पॉलिसी में ठेके की मजदूरी की जगह "फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रेक्ट " का प्रावधान शामिल किया जो गलत है।
उधर सरकार ने कहा है कि वह बीएमएस की मांगों को लेकर गंभीर है और उनकी 12 में से 7 मांगों को सरकार पहले ही मान चुकी है।
मांगों पर विचार कर रही है सरकार
एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मज़दूर संगठन के विरोध पर एनडीटीवी से बात करते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, "मजदूर संगठनों की बाकी मांगों पर विचार करने के लिए 18 जुलाई को सभी मजदूर संगठनों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया गया है। हम गंभीरता से उनकी मांगों पर विचार कर रहे हैं।"
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