मध्यप्रदेश में भी 'ब्‍लू व्‍हेल' गेम से मौत, ट्रेन के सामने खड़े होने का छात्र ने लिया चैलेंज, गई जान

11वीं में पढ़ने वाले सात्विक शनिवार रात घर से अकेला निकला और ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली.

मध्यप्रदेश में भी 'ब्‍लू व्‍हेल'  गेम से मौत, ट्रेन के सामने खड़े होने का छात्र ने लिया चैलेंज, गई जान

दमोह:

इंटरनेट पर खेले जाने वाले गेम 'ब्‍लू व्‍हेल' की वजह से मध्यप्रदेश के दमोह में एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. छात्र का नाम सात्विक पांडे बताया जा रहा है. 11वीं में पढ़ने वाले सात्विक शनिवार रात घर से अकेला निकला और ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली. मृतक के दोस्तों ने बताया उसने कुछ दिन पहले ही इस गेम को खेलना शुरू किया था. हमें 4-5 दिन पहले उसने बताया था. हम खुद सदमे में हैं, हमें पता नहीं उसने कहां से डाउनलोड किया. दूसरे दोस्त का कहना है कि वो बोल रहा था ये गेम खेलते हैं. उसका शव सुबह कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्रातंर्गत रेल की पटरियों पर मिला है.

पुलिस ने बताया कि अपने साथियों में हंसमुख मिजाज का सात्विक इस गेम में डूब गया कि उसे यह भी खबर नहीं लगी कि यह जानलेवा है. धीरे-धीरे इस गेम के कई स्टेज पार करने के बाद जब उसे आखरी स्टेज में आत्महत्या करने का आफर आया तो कल रात को उसने अपने परिजन को बगैर बताये ही घर से मोटरसाइकिल निकाली और फुटेरा तालाब के समीप स्थित रेलवे फाटक पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि मोटरसाइकिल को पटरी किनारे खड़ी कर वह रेलवे पटरी पर पहुंचा और सेल्फी लेने लगा. वह सामने की ओर से आ रही तेज रफ्तार ट्रेन के सामने खड़ा हो गया और ट्रेन से कटने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि यह पूरी घटना फाटक के समीप बने एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.

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पुलिस मामले की जांच कर रही है. दमोह के पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने कहा, "हमारी जांच में परिवार के सदस्यों ने अब तक कहा है कि उन्हें मृतक के ब्लू व्हेल गेम खेलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हमने उसके  मोबाइल को जब्त कर लिया है और हम इसे साइबर फोरेंसिक को भेज रहे हैं. डेटा मिलने के बाद हम बता पाएंगे कि आत्महत्या की वजह क्या थी.

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कुछ दिनों पहले इंदौर में एक छात्र को उसके शिक्षक ने गेम के आखिरी पड़ाव पर आत्महत्या की कोशिश के कुछ ही पल पहले बचा लिया बाद में उसकी काउंसलिंग की गई. फिलहाल राज्य के कई स्कूलों में ब्लू व्हेल और अन्य खतरनाक खेलों के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है. माता-पिता को भी सलाह दी जा रही है कि अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें.

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मध्यप्रदेश पुलिस ने भी अभिभावकों को सलाह दी है कि वो देखें कि बच्चे स्मार्ट फोन या कम्प्यूटर के साथ क्या करते हैं. रूस में बना ये गेम भारत समेत चीन, अमेरिका और कई देशों में गेम 130 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. गेम में 50 दिनों का टास्क दिया जाता है और आखिर में सुसाइड जैसा कदम उठाना होता है.


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