भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सोमवार को नया अध्यक्ष मिल सकता है. BJP के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय है. जेपी नड्डा (JP Nadda) औपचारिक रूप से अमित शाह (Amit Shah) से पार्टी की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं. वह सोमवर सुबह 10:30 बजे नामांकन दाखिल करेंगे. भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति सोमवार को नया पार्टी प्रमुख चुनने की प्रक्रिया का संचालन करने जा रही है. हालांकि, सभी संभावनाओं में जेपी नड्डा निर्विरोध चुने जाएंगे. 22 जनवरी को भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में एक भव्य समारोह आयोजित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें पार्टी के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे. उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी और अमित शाह इस मौके पर एक स्पीच के माध्यम से उन्हें औपचारिक रूप से बधाई दे सकते हैं. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति के प्रमुख राधा मोहन सिंह ने प्रेस में एक बयान जारी कर पूरे कार्यक्रम का ब्योरा दिया.
जेपी नड्डा का निर्विरोध BJP अध्यक्ष चुना जाना तय
पीएम मोदी और अमित शाह ने रविवार को पार्टी कार्यालय में कई बैठकों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और राष्ट्रीय कार्यकारिणी और संसदीय बोर्ड के कुछ सदस्यों, मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की. बैठक का उद्देशय उन्हें औपचारिक रूप से नड्डा की उम्मीदवारी से अवगत कराना था. इसके अलावा सभी केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराने और नड्डा की अध्यक्षता पर चर्चा करने के लिए सोमवार को भाजपा कार्यालय में बुलाया गया है.
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नड्डा भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से प्रधानमंत्री मोदी और शाह की पसंद के तौर पर देखे जा रहे हैं. नड्डा ने राजनीति में शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. संगठन में उनका दशकों पुराना अनुभव, आरएसएस से उनकी नजदीकी और स्वच्छ छवि उनकी ताकत है. भाजपा में अध्यक्ष आम सहमति से और बिना किसी मुकाबले के चुने जाने की परंपरा रही है और इसकी कम ही संभावना है कि इस बार भी उस परंपरा से कुछ अलग हटकर होगा. नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का साढ़े पांच वर्ष से अधिक का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा, जिस दौरान भाजपा ने देशभर में अपने आधार का विस्तार किया. शाह का कार्यकाल भाजपा के लिए चुनावों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ काल था, हालांकि पार्टी को कुछ राज्य विधानसभा चुनावों में झटके भी लगे.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शाह के गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उनका उत्तराधिकारी चुनने की कवायद शुरू कर दी थी, क्योंकि पार्टी में 'एक व्यक्ति, एक पद' की परंपरा रही है. नड्डा को गत वर्ष जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. यह इस बात का संकेत था कि हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेता संगठन के शीर्ष पद के लिए संभावित पसंद हैं. नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान के प्रभारी थे, जहां पार्टी को सपा और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की. आम चुनावों में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी थे. वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं जो कि पार्टी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.
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