शिमला:
निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के कारण कठोर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि पार्टी की केन्द्रीय अनुशासन समिति ने उन्हें ‘‘अनुशासन कायम रखने में विफल’’ और ‘‘पार्टी को शर्मिन्दगी’’ में डालने वाला पाया है।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष गणेशीलाल ने कहा, ‘‘हमने इस निष्कर्ष के साथ पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट सौंप दी है कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा पार कर दी और अब आगे का कदम केन्द्रीय संसदीय बोर्ड तय करेगा।’’
लाल राज्य भाजपा प्रमुख चुनावों में केन्द्रीय पर्यवेक्षक रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘समिति का काम केवल यही पता लगाना था कि क्या आजाद के बयानों से पार्टी छवि को धक्का लगा, नेताओं के लिए शर्मिन्दगी या असहज या अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई। हमारा निष्कर्ष है कि वह अनुशासन कायम रखने में विफल रहे और उन्होंने अपने बयानों से पार्टी को नुकसान पहुंचाया।’’
भाजपा नेता ने ध्यान दिलाया, ‘‘यदि हमारे विरोधी पार्टी या उसके नेताओं की आलोचना करते हैं तो यह एक सामान्य बात है किन्तु पार्टी का वफादार सैनिक होने का दावा करने वाले किसी भी नेता को पार्टी या उसके नेताओं की सार्वजनिक निंदा करने और शीर्ष नेतृत्व को शर्मिन्दगी की स्थिति में डालने का लाइसेंस, स्वतंत्रता और छूट नहीं है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यदि आजाद पार्टी या उसके नेताओं पर हमला करना चाहते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और फिर वे जो चाहें बोलें।’’ आजाद ने केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के 13 वर्ष के कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
निलंबित सांसद ने दावा किया कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय की जांच रिपोर्ट में डीडीसीए मामलों को लेकर जेटली पर ‘‘अभियोजन’’ चलाने की सिफारिश की है। साथ ही आजाद ने पार्टी सांसद एवं बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर सहित और राजनीतिक नेताओं पर भी हमला बोला है।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष गणेशीलाल ने कहा, ‘‘हमने इस निष्कर्ष के साथ पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट सौंप दी है कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा पार कर दी और अब आगे का कदम केन्द्रीय संसदीय बोर्ड तय करेगा।’’
लाल राज्य भाजपा प्रमुख चुनावों में केन्द्रीय पर्यवेक्षक रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘समिति का काम केवल यही पता लगाना था कि क्या आजाद के बयानों से पार्टी छवि को धक्का लगा, नेताओं के लिए शर्मिन्दगी या असहज या अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई। हमारा निष्कर्ष है कि वह अनुशासन कायम रखने में विफल रहे और उन्होंने अपने बयानों से पार्टी को नुकसान पहुंचाया।’’
भाजपा नेता ने ध्यान दिलाया, ‘‘यदि हमारे विरोधी पार्टी या उसके नेताओं की आलोचना करते हैं तो यह एक सामान्य बात है किन्तु पार्टी का वफादार सैनिक होने का दावा करने वाले किसी भी नेता को पार्टी या उसके नेताओं की सार्वजनिक निंदा करने और शीर्ष नेतृत्व को शर्मिन्दगी की स्थिति में डालने का लाइसेंस, स्वतंत्रता और छूट नहीं है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यदि आजाद पार्टी या उसके नेताओं पर हमला करना चाहते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और फिर वे जो चाहें बोलें।’’ आजाद ने केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के 13 वर्ष के कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
निलंबित सांसद ने दावा किया कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय की जांच रिपोर्ट में डीडीसीए मामलों को लेकर जेटली पर ‘‘अभियोजन’’ चलाने की सिफारिश की है। साथ ही आजाद ने पार्टी सांसद एवं बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर सहित और राजनीतिक नेताओं पर भी हमला बोला है।
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