नई दिल्ली:
बीजेपी ने बलात्कार जैसे अपराधों के खिलाफ कठोर कानून बनाने के लिए न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति को पार्टी की ओर से दिए गए सुझावों में सामूहिक बलात्कार, अपहरण के बाद बलात्कार तथा बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के दोषियों को मौत की सजा देने की सिफारिश की है।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएस वर्मा को अपने सुझाव भेजे हैं। हालांकि तीन-सदस्यीय समिति को सुझाव देने से पहले पार्टी में स्थिति स्पष्ट नहीं थी।
पार्टी का एक वर्ग सिफारिशें भेजने के खिलाफ था, वहीं अन्य वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि चूंकि कांग्रेस ने सुझाव दिए हैं और दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के खिलाफ माहौल के बीच बीजेपी को भी इस कवायद में शामिल होना चाहिए।
बीजेपी की सिफारिशों में किशोर न्याय कानून, 2000 में संशोधन कर किशोर की परिभाषा के दायरे में 16 साल से कम उम्र वालों को शामिल करने का सुझाव दिया है। लेकिन पार्टी इस बारे में स्पष्ट नहीं है कि उम्रसीमा केवल यौन अपराधों में कम की जाए या अन्य मामलों में भी। पार्टी ने अपने सुझावों में कहा है, सामूहिक बलात्कार या बंधक बनाकर दुष्कर्म या अपहरण के बाद दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
बीजेपी ने बलात्कार के मामले में पीड़ित के लिए शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिहाज से कहा है कि महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में शिकायती का बयान दर्ज किया जाना चाहिए। पार्टी ने दुष्कर्म के मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन की भी सलाह दी है। बीजेपी के अनुसार समिति पीड़ित को मुआवजा देने और उसका संरक्षण करने और गवाहों को भी जरूरी सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर सकती है।
पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि बलात्कार के मामले में सुनाई गई सजा में छूट नहीं होनी चाहिए। बीजेपी के मुताबिक कुछ मामलों में देखा गया है कि दोषी की सजा अच्छे आचरण के आधार पर कम कर दी जाती है।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएस वर्मा को अपने सुझाव भेजे हैं। हालांकि तीन-सदस्यीय समिति को सुझाव देने से पहले पार्टी में स्थिति स्पष्ट नहीं थी।
पार्टी का एक वर्ग सिफारिशें भेजने के खिलाफ था, वहीं अन्य वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि चूंकि कांग्रेस ने सुझाव दिए हैं और दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के खिलाफ माहौल के बीच बीजेपी को भी इस कवायद में शामिल होना चाहिए।
बीजेपी की सिफारिशों में किशोर न्याय कानून, 2000 में संशोधन कर किशोर की परिभाषा के दायरे में 16 साल से कम उम्र वालों को शामिल करने का सुझाव दिया है। लेकिन पार्टी इस बारे में स्पष्ट नहीं है कि उम्रसीमा केवल यौन अपराधों में कम की जाए या अन्य मामलों में भी। पार्टी ने अपने सुझावों में कहा है, सामूहिक बलात्कार या बंधक बनाकर दुष्कर्म या अपहरण के बाद दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
बीजेपी ने बलात्कार के मामले में पीड़ित के लिए शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिहाज से कहा है कि महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में शिकायती का बयान दर्ज किया जाना चाहिए। पार्टी ने दुष्कर्म के मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन की भी सलाह दी है। बीजेपी के अनुसार समिति पीड़ित को मुआवजा देने और उसका संरक्षण करने और गवाहों को भी जरूरी सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर सकती है।
पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि बलात्कार के मामले में सुनाई गई सजा में छूट नहीं होनी चाहिए। बीजेपी के मुताबिक कुछ मामलों में देखा गया है कि दोषी की सजा अच्छे आचरण के आधार पर कम कर दी जाती है।
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