नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
जेठमलानी को लिखे एक पत्र में भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने जेठमलानी को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने के लिए सोमवार को सर्वसम्मति से निर्णय लिया। अनंत कुमार ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जेठमलानी के खिलाफ अतिरिक्त कार्रवाई की जाएगी।
पत्र में कहा गया है, "केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने आपके सभी जवाबों, प्रतिक्रियाओं और पत्रों पर विचार करने के बाद सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंचा कि आप अनुशासन तोड़ने में लिप्त थे। इसलिए संसदीय बोर्ड ने आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया है।" जेठमलानी (89) को इसके पहले पार्टी से निलम्बित कर दिया गया था।
अनंत कुमार ने कहा कि पार्टी ने 26 नवंबर, 2012 को जेठमलानी को नोटिस जारी किया था और पूछा था कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। इसके साथ ही पार्टी ने गौर किया कि जेठमलानी ने चार दिसम्बर, 2012 के अपने पत्र में कई प्रश्न खड़े किए थे, लेकिन नोटिस का सीधा जवाब नहीं दिया था।
पत्र में कहा गया है, "आपने पार्टी पदाधिकारियों पर कई झूठे आरोप लगाए हैं। आपने दिल्ली पुलिस आयुक्त से सम्बंधित कई अप्रासंगिक मुद्दे उठाए, जो किसी भी रूप में पार्टी से सरोकार नहीं रखते। आपने 26 नवम्बर, 2012 को ठीक इसी तरह का पत्र पार्टी अध्यक्ष को भी लिखा था।"
अनंत कुमार ने कहा कि संसदीय बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि जेठमलाली अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के सम्बंध में कोई कारण नहीं पेश कर पाए।
पत्र में कहा गया है, "आप पार्टी को शर्मसार करने वाले बयान देने के आरोप का जवाब नहीं दे पाए हैं। आप लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के सम्बंध में कोई पर्याप्त कारण नहीं पेश कर पाए। आप यह कहकर पार्टी के अधिकार और वैधानिकता को चुनौती देने का कोई पर्याप्त कारण एक बार फिर नहीं पेश कर पाए कि पार्टी के पास आपके खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं है।"
यह भी कहा गया है कि जेठमलानी ने छह मई को पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था और सार्वजनिक उपक्रमों से सम्बंधित समिति के सदस्यों के चुनाव में वोट नहीं दिया था।
ज्ञात हो कि जेठमलानी ने पिछले वर्ष नवम्बर में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उनके इस्तीफे की मांगकर उन पर खुलेआम हमला किया था। उन्होंने इस सम्बंध में यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह का भी नाम लिया था और कहा था कि ये दोनों नेता भी गडकरी के इस्तीफे के मुद्दे पर उनकी राय से इत्तेफाक रखते हैं।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जेठमलानी के निष्कासन का निर्णय अंतिम है।
जेठमलानी को लिखे एक पत्र में भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने जेठमलानी को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने के लिए सोमवार को सर्वसम्मति से निर्णय लिया। अनंत कुमार ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जेठमलानी के खिलाफ अतिरिक्त कार्रवाई की जाएगी।
पत्र में कहा गया है, "केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने आपके सभी जवाबों, प्रतिक्रियाओं और पत्रों पर विचार करने के बाद सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंचा कि आप अनुशासन तोड़ने में लिप्त थे। इसलिए संसदीय बोर्ड ने आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया है।" जेठमलानी (89) को इसके पहले पार्टी से निलम्बित कर दिया गया था।
अनंत कुमार ने कहा कि पार्टी ने 26 नवंबर, 2012 को जेठमलानी को नोटिस जारी किया था और पूछा था कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। इसके साथ ही पार्टी ने गौर किया कि जेठमलानी ने चार दिसम्बर, 2012 के अपने पत्र में कई प्रश्न खड़े किए थे, लेकिन नोटिस का सीधा जवाब नहीं दिया था।
पत्र में कहा गया है, "आपने पार्टी पदाधिकारियों पर कई झूठे आरोप लगाए हैं। आपने दिल्ली पुलिस आयुक्त से सम्बंधित कई अप्रासंगिक मुद्दे उठाए, जो किसी भी रूप में पार्टी से सरोकार नहीं रखते। आपने 26 नवम्बर, 2012 को ठीक इसी तरह का पत्र पार्टी अध्यक्ष को भी लिखा था।"
अनंत कुमार ने कहा कि संसदीय बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि जेठमलाली अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के सम्बंध में कोई कारण नहीं पेश कर पाए।
पत्र में कहा गया है, "आप पार्टी को शर्मसार करने वाले बयान देने के आरोप का जवाब नहीं दे पाए हैं। आप लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के सम्बंध में कोई पर्याप्त कारण नहीं पेश कर पाए। आप यह कहकर पार्टी के अधिकार और वैधानिकता को चुनौती देने का कोई पर्याप्त कारण एक बार फिर नहीं पेश कर पाए कि पार्टी के पास आपके खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं है।"
यह भी कहा गया है कि जेठमलानी ने छह मई को पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था और सार्वजनिक उपक्रमों से सम्बंधित समिति के सदस्यों के चुनाव में वोट नहीं दिया था।
ज्ञात हो कि जेठमलानी ने पिछले वर्ष नवम्बर में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उनके इस्तीफे की मांगकर उन पर खुलेआम हमला किया था। उन्होंने इस सम्बंध में यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह का भी नाम लिया था और कहा था कि ये दोनों नेता भी गडकरी के इस्तीफे के मुद्दे पर उनकी राय से इत्तेफाक रखते हैं।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जेठमलानी के निष्कासन का निर्णय अंतिम है।
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