पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस के नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर इशरत जहां मामले में दायर दो हलफनामों को लेकर ‘फर्जी विवाद’ पैदा करने और लापता फाइलों की रिपोर्ट के साथ‘छेड़छाड़ करके’ तैयार करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इशरत जहां मामले से जुड़ी गुम हुई फाइलों की जांच कर रहे पैनल ने एक गवाह को ‘प्रताड़ित’किया। इसके बाद चिदंबरम ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि समाचार रिपोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर दो हलफनामों पर राजग सरकार द्वारा पैदा किए गए ‘फर्जी विवाद को व्यापक रूप से उजागर’ कर दिया है।
क्या इशरत जहां वास्तविक मुठभेड़ में मारी गई..
उन्होंने कहा ‘कहानी से यह सीख मिलती है कि छेड़छाड़ करके तैयार की गई (जांच अधिकारी की) रिपोर्ट भी सच नहीं छुपा सकती। असल मुद्दा यह है कि क्या इशरत जहां और तीन अन्य लोग वास्तविक मुठभेड़ में मारे गए थे या उनकी मौत फर्जी मुठभेड़ में हुई थी। मामले की जुलाई 2013 से लंबित सुनवाई ही सच को सामने लेकर आएगी।’ गृह मंत्रालय मे अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच समिति ने जमा की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गुम हुए पांच दस्तावेजों में से चार दस्तावेज अब भी नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि इशरत जहां मामले की फ़ाइल ग़ायब होने की जांच में बड़ी धांधली का ख़ुलासा हुआ है। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने जांच समिति के मुखिया बीके प्रसाद और मामले के गवाह अशोक कुमार के बीच की बातचीत का ऑडियो जारी किया है जिसमें बीके प्रसाद कथित तौर पर गवाह को जांच से जुड़े सवाल और उसके जवाब बताते हुए सुने जा रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय का बयान आया है कि दोनों अफसरों ने ऐसी किसी भी बातचीत के होने से इंकार किया है।
क्या इशरत जहां वास्तविक मुठभेड़ में मारी गई..
उन्होंने कहा ‘कहानी से यह सीख मिलती है कि छेड़छाड़ करके तैयार की गई (जांच अधिकारी की) रिपोर्ट भी सच नहीं छुपा सकती। असल मुद्दा यह है कि क्या इशरत जहां और तीन अन्य लोग वास्तविक मुठभेड़ में मारे गए थे या उनकी मौत फर्जी मुठभेड़ में हुई थी। मामले की जुलाई 2013 से लंबित सुनवाई ही सच को सामने लेकर आएगी।’ गृह मंत्रालय मे अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच समिति ने जमा की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गुम हुए पांच दस्तावेजों में से चार दस्तावेज अब भी नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि इशरत जहां मामले की फ़ाइल ग़ायब होने की जांच में बड़ी धांधली का ख़ुलासा हुआ है। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने जांच समिति के मुखिया बीके प्रसाद और मामले के गवाह अशोक कुमार के बीच की बातचीत का ऑडियो जारी किया है जिसमें बीके प्रसाद कथित तौर पर गवाह को जांच से जुड़े सवाल और उसके जवाब बताते हुए सुने जा रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय का बयान आया है कि दोनों अफसरों ने ऐसी किसी भी बातचीत के होने से इंकार किया है।
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