गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड यानि बाइक बोट (Bike Boat) ने अब तक करीब 650 करोड़ रुपये दूसरी कंपनी को डायवर्ट किया है. यह जानकारी एसपी ग्रामीण विनीत जायसवाल के नेतृत्व में गठित एसआईटी को शुरुआती जांच में मिली है. एसआईटी ने कंपनी के उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले गए लगभग दो दर्जन बैंक खातों को फ्रीज किया है. उसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है. सेक्टर-14ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में शुक्रवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि बाइक बोट कंपनी पर अब तक 37 मामले दर्ज हो चुके हैं. कंपनी का मालिक संजय भाटी और विजयपाल कसाना को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के बाद दादरी क्षेत्र के कोट गांव स्थित आफिस से कुल 102 मोटर साइकिल और 27 कारें बरामद की गई हैं. इनकी कीमत लगभग आठ करोड़ 75 लाख रुपये है. पूछताछ में यह भी पता चला कि दिसंबर-2018 तक कंपनी ने 2.25 लाख निवेशकों की आईडी एक्टीवेट की जा चुकी है. शुरुआती जांच के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि कंपनी ने निवेशकों से लगभग 1500 करोड़ रुपये की ठगी की है.
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एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने बाइक बोट नाम की स्कीम बनाई. इसके तहत निवेशकों को एक टैक्सी बाइक के लिए कुल 62 हजार 100 रुपये निवेश करना था. बदले में उन्हें 12 मासिक किस्तों में 4590 रुपये बाइक का किराया और 5175 रुपये लाभांश यानि कुल एक लाख 17 हजार 180 रुपये मिलना था. कंपनी ने कई राज्यों में अपनी फ्रेंचाइजी खुलवाई थी.
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केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले बाइक बोट कंपनी के मालिक 42 वर्षीय संजय भाटी ने देशभर से निवेशकों को लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया और फिर उसे हड़प लिया. कंपनी के मालिक की निशानदेही पर 27 कार और 102 बाइक के अलावा पांच बोरे फर्जी चेक बरामद किए गए हैं, जो निवेशकों को लाभांश के तौर पर दिए जाने थे. इसके अलावा कंपनी के ऑफिस से दूसरे दस्तावेजी साक्ष्य और जले हुए इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद हुए हैं.
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