पटना:
बिहार के आरा जिला के नवादा थाना क्षेत्र के कतिरा मुहल्ले में शुक्रवार तड़के रणवीर सेना के संस्थापक माने जाने वाले ब्रह्मेश्वर मुखिया की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या से बौखलाए ब्रह्मेश्वर समर्थकों ने जिले में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की। स्थिति बिगड़ते देख जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। विपक्ष एवं मुखिया के परिजनों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से शांति बनाने की अपील की है।
पुलिस के अनुसार सुबह जब मुखिया अपने घर से टहलने निकले थे तभी अज्ञात अपराधियों ने उन्हें पांच गोली मार दी जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मौत की खबर सुनने के बाद उनके समर्थक उत्तेजित हो गए और पूरे आरा शहर में उत्पात मचाने लगे। आक्रोशित लोगों ने कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए तथा आरा में प्रवेश वाले सभी सड़कों को घंटों जाम रखा।
प्रखंड कार्यालय और शिक्षा परियोजना कार्यालय में आगजनी की गई तथा आरा रेलवे स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की गई। मुखिया के समर्थकों ने एक डेयरी के वाहन को भी फूंक दिया। सर्किट हाउस में लगे वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए पूरे आरा में धारा 144 लगा दी गई। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एसके भारद्वाज ने बताया, "पूरे आरा शहर में धारा-144 लगा दी गई है और उपद्रव करने वाले लोगों पर सख्ती करने का निर्देश दिए गए हैं। स्थिति तनावपूर्ण जरूर है लेकिन स्थिति में धीरे-धीरे स्थिति सुधार हो रहा है।" उन्होंने बताया कि राज्य के जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद समेत रणवीर सेना के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया गया है। भारद्वाज के अनुसार आरा में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
घटनास्थल राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद घटनास्थल पर पहुंचे तो आक्रोशित लोगों ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया। अभयानंद के अनुसार पूरे मामले की जांच के लिए शाहाबाद पुलिस उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। घटना के बाद से मुखिया के आवास पर हजारों लोग अब भी एकत्रित हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो अपनी सेवा यात्रा के दौरान भागलपुर में हैं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इधर, मुखिया के परिजनों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पटना के बांसघाट में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरा से सुबह आठ बजे शव यात्रा निकलेगी तथा अंतिम संस्कार शाम को तीन बजे किया जाएगा। परिजनों ने हत्या के मामले में किसी पर शक का अंदेशा जाहिर नहीं करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि 2011 में नौ वर्ष जेल में रहने के बाद बाहर निकले थे। वर्तमान समय में वे एक किसान संगठन बनाने का कार्य कर रहे थे। मुखिया पर बिहार में हुए कई नरसंहारों को करने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि मुखिया भोजपुर जिले के खोपिरा गांव के रहने वाले थे। मुखिया को बिहार में बड़े व्यापक पैमाने पर निजी सेना का गठन करने के रूप में पहचान थी। बिहार में नक्सली संगठनों और बड़े किसानों के बीच हो रही लड़ाई के बीच मुखिया ने सितंबर 1994 में एक संगठन बनाया था जिसका नाम रणवीर सेना रखा गया था।
पुलिस के अनुसार सुबह जब मुखिया अपने घर से टहलने निकले थे तभी अज्ञात अपराधियों ने उन्हें पांच गोली मार दी जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मौत की खबर सुनने के बाद उनके समर्थक उत्तेजित हो गए और पूरे आरा शहर में उत्पात मचाने लगे। आक्रोशित लोगों ने कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए तथा आरा में प्रवेश वाले सभी सड़कों को घंटों जाम रखा।
प्रखंड कार्यालय और शिक्षा परियोजना कार्यालय में आगजनी की गई तथा आरा रेलवे स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की गई। मुखिया के समर्थकों ने एक डेयरी के वाहन को भी फूंक दिया। सर्किट हाउस में लगे वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए पूरे आरा में धारा 144 लगा दी गई। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एसके भारद्वाज ने बताया, "पूरे आरा शहर में धारा-144 लगा दी गई है और उपद्रव करने वाले लोगों पर सख्ती करने का निर्देश दिए गए हैं। स्थिति तनावपूर्ण जरूर है लेकिन स्थिति में धीरे-धीरे स्थिति सुधार हो रहा है।" उन्होंने बताया कि राज्य के जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद समेत रणवीर सेना के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया गया है। भारद्वाज के अनुसार आरा में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
घटनास्थल राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद घटनास्थल पर पहुंचे तो आक्रोशित लोगों ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया। अभयानंद के अनुसार पूरे मामले की जांच के लिए शाहाबाद पुलिस उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। घटना के बाद से मुखिया के आवास पर हजारों लोग अब भी एकत्रित हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो अपनी सेवा यात्रा के दौरान भागलपुर में हैं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इधर, मुखिया के परिजनों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पटना के बांसघाट में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरा से सुबह आठ बजे शव यात्रा निकलेगी तथा अंतिम संस्कार शाम को तीन बजे किया जाएगा। परिजनों ने हत्या के मामले में किसी पर शक का अंदेशा जाहिर नहीं करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि 2011 में नौ वर्ष जेल में रहने के बाद बाहर निकले थे। वर्तमान समय में वे एक किसान संगठन बनाने का कार्य कर रहे थे। मुखिया पर बिहार में हुए कई नरसंहारों को करने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि मुखिया भोजपुर जिले के खोपिरा गांव के रहने वाले थे। मुखिया को बिहार में बड़े व्यापक पैमाने पर निजी सेना का गठन करने के रूप में पहचान थी। बिहार में नक्सली संगठनों और बड़े किसानों के बीच हो रही लड़ाई के बीच मुखिया ने सितंबर 1994 में एक संगठन बनाया था जिसका नाम रणवीर सेना रखा गया था।
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