बिहारः जज पर हुए हमले के मामले में पुलिस संघ ने स्वतंत्र जांच की मांग की

झंझारपुर (Jhajharpur) न्यायालय के अंदर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-1) पर दो पुलिसकर्मियों द्वारा उनके कमरे में घुसकर कथित रूप से हमला करने के मामले में उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की.

बिहारः जज पर हुए हमले के मामले में पुलिस संघ ने स्वतंत्र जांच की मांग की

न्यायाधीश के साथ पुलिस अधिकारियों ने मारपीट की.

मधुबनी:

बिहार पुलिस संघ (Bihar Police association) (बीपीए) ने शनिवार को झंझारपुर (Jhajharpur) न्यायालय के अंदर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे-1) पर दो पुलिसकर्मियों द्वारा उनके कमरे में घुसकर कथित रूप से हमला करने के मामले में उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की. बीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.  इस संबंध में बीपीए ने शुक्रवार को मधुबनी जिले के सभी थाना प्रभारियों (एसएचओ) (SHO) की बैठक बुलाई थी. बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें घटना की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की गई और इस निर्णय से बीपीए प्रमुख मृत्युंजय सिंह, बीपीए की मधुबनी इकाई के कोषाध्यक्ष अरुण कुमार को अवगत कराया गया.

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कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पूरी जांच के बाद सच्चाई सामने आनी चाहिए. यदि पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन अदालत परिसर में पुलिसकर्मियों की पिटाई करने वालों के खिलाफ भी मामले दर्ज होने चाहिए. हम चाहते हैं कि न्याय मिले.'' घटना के कुछ घंटों के भीतर बृहस्पतिवार को पटना उच्च न्यायालय ने मामले का स्वतः: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

इस घटना को ‘‘अभूतपूर्व और चौंकाने वाला''बताते हुए न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की पीठ ने डीजीपी को 29 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में मौजूद रहने का भी निर्देश दिया.  उच्च न्यायालय के बयान के अनुसार, ‘‘प्रभारी अधिकारी गोपाल कृष्ण, एसएचओ और घोघरडीहा के पुलिस उपनिरीक्षक अभिमन्यु कुमार शर्मा जबरन एडीजे-1 अविनाश कुमार के कक्ष में घुस गए और उनसे दुर्व्यवहार करने लगे.

बयान में कहा गया है कि न्यायाधीश के विरोध करने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी और बदतमीजी की. इतना ही नहीं बल्कि उनके साथ मारपीट भी की. उन्होंने न्यायाधीश पर हमला करने के इरादे से अपनी सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल ली. हालांकि, अदालत के कुछ कर्मचारी और वकील वहां पहुंच गए, जिससे उनकी जान बच गई. किसी मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पुलिसकर्मी अदालत कक्ष में आए थे. स्थानीय पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया.


 



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