Bihar Election Results 2020: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गणना जारी है. सभी अनुमानों से हटकर एनडीए गठबंधन एक बार फिर से सत्ता के करीब दिख रहा है. वहीं राजद(RJD) के नेतृत्व वाली महागठबंधन दूसरे स्थान पर दिख रही है. अब सवाल यह उठने लगे हैं कि क्या तेजस्वी यादव ने सीट-बंटवारे में गलती कर दी और कांग्रेस को उसके ताकत से अधिक सीट दे दिया गया? राष्ट्रीय जनता दल (144) के बाद कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा. वाम दलों में सीपीएम को चार सीटें दी गईं, सीपीआई को छह और सीपीआई (एमएल) (CPIML) को 19 सीटे मिली थी.
कांग्रेस के अलावा सभी दलों का स्ट्राइक रेट बेहतर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से कई सभाएं की गयी लेकिन फिर भी उनकी पार्टी का प्रदर्शन आशा के अनुरूप देखने को नहीं मिल रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को बिहार में हार का सामना करना पड़ा था जब 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.
पार्टी के राज्यसभा सदस्य नासिर हुसैन ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि कांग्रेस राज्य में सबसे छोटी पार्टी है. राहुल गांधी जी ने राज्य भर में चुनाव प्रचार करके अपना काम किया, लेकिन हां, ऐसी चीजें हैं जो हमारे संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने के लिए किए जाने की जरूरत है. बताते चले कि शरद यादव की बेटी सुभाषिनी शरद यादव और अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा सहित प्रमुख कांग्रेसी उम्मीदवार मतगणना में पीछे चल रहे हैं. विश्लेषकों का मानना है कि अगर तेजस्वी यादव ने कांग्रेस की मांग के अनुसार अगर सीट नहीं दी होती तो शायद चुनाव का परिणाम कुछ और हो सकता था.
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता पवन वर्मा ने कहा कि कांग्रेस को अधिकतम 48 सीटें देने पर सहमति बनी थी, लेकिन तब राजनीतिक पहुंच के दम पर उन्हें ज्यादा सीट मिला. फिर भी हम देख सकते हैं कि कांग्रसे की तरफ से कैसा प्रदर्शन हुआ है.
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