बिहार : मृत नेता ने जीता पंचायत चुनाव, निर्वाचन अधिकारियों की बड़ी भूल सामने आई 

बिहार के सोहन मुर्मू ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 28 मतों से हराया था. मुर्मू के परिवार वालों ने कहा कि मुर्मू बीमार थे और चुनाव जीतना उनकी अंतिम इच्छा थी, इसलिए वे चुप रहे.

बिहार : मृत नेता ने जीता पंचायत चुनाव, निर्वाचन अधिकारियों की बड़ी भूल सामने आई 

बिहार पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं (फाइल फोटो)

जमुई :

बिहार के पंचायत चुनाव (Bihar panchayat election ) के नतीजों में एक शर्मनाक वाकया सामने आया, जब एक मृत व्यक्ति को विजेता घोषित कर दिया गया. इस मामले में चुनाव अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, बिहार के जमुई जिले में हुए पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित किए जा रहे थे. इसमें खैरा ब्लॉक के दीपकरहर गांव में वार्ड संख्या दो से सोहन मुर्मू को विजेता घोषित किया गया. लेकिन काफी खोजबीन के बाद सोहन मुर्मू सामने नहीं आए. 

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जब अधिकारी 24 नवंबर को हुए चुनाव में विजय हासिल करने वाले उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र सौंप रहे थे. तब सोहन मुर्मू का नाम भी पुकारा गया.लेकिन दीपकरहर गांव में वार्ड संख्या दो पर जीत दर्ज करने वाले सोहन मुर्मू कहीं नहीं मिले. खैरा के बीडीओ राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि पूछताछ करने पर पता चला कि मतदान संपन्न होने से 15 दिन पहले 6 नवंबर को ही मुर्मू की मौत हो गई थी. ये गांव झारखंड की सीमा पर है, जहां मुख्य रूप से आदिवासी निवास करते हैं.

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मुर्मू ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 28 मतों से हराया था. मुर्मू के परिवार वालों ने कहा कि मुर्मू बीमार थे और चुनाव जीतना उनकी अंतिम इच्छा थी, इसलिए वे चुप रहे. गांव के किसी व्यक्ति ने भी चुनाव अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई.  न ही चुनाव अधिकारियों ने मतदान के पहले सभी उम्मीदवारों की सुध ली. ऐसा लगता है कि उन सभी ने मुर्मू की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें वोट दिया.

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मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के भोलेपन के कारण अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है. त्रिपाठी ने कहा कि जीत का प्रमाण पत्र किसी को भी नहीं दिया जा सकता. हम राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इसकी जानकारी देंगे और अनुरोध करेंगे कि संबंधित वार्ड के चुनाव रद्द कर फिर से चुनाव कराया जाए.