बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने ऊपर उप मुख्य मंत्री सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि हम मुद्दों की बात करते हैं और वो मुद्दों से भटकाने की बात करते हैं. तेजस्वी ने सुशील कुमार मोदी को चुनौती दी कि अगर कोई एजेंसी उनके पास बची है तो वो उससे उनके खिलाफ जांच करवा लें. तेजस्वी ने कहा कि ऐसी कोई केंद्रीय एजेन्सी नहीं बची है जो उनके खिलाफ जांच नहीं कर रही है.
तेजस्वी का ये बयान निश्चित रूप से राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों को ध्यान में रखकर दिया गया है. राजद को पहले से ही आभास था कि बिहार चुनावों में एनडीए तेजस्वी की संपत्ति के मामले को मुख्य मुद्दा बनाएगा. हालाँकि, महागठबंधन के अन्य घटक दलों ने गुरुवार (15 अक्टूबर) की शाम को ही साफ कर दिया था कि सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और चुनावों के देखते हुए लगाए गए हैं. ताकि तेजस्वी के खिलाफ हवा बनाई जा सके.
उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा राघोपुर से नामांकन के समय दायर शपथ-पत्र में कई तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया था और एक सवाल पूछा था कि आख़िर उनके पास एक कंपनी को 4 करोड़ रुपये लोन देने के लिए कहाँ से आए? सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी ने अपने शपथ पत्र में 4.10 करोड़ रुपये का कर्ज़ एक कंपनी को देने की बात शपथ पत्र में कही है. मोदी ने पूछा कि डेढ़ लाख आमदनी बताने वाले तेजस्वी के पास 4 करोड़ रुपये कर्ज़ देने के लिए कहाँ से आए?
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बता दें कि सुशील मोदी ने पहले भी टिकट के बदले कई नेताओं से तेजस्वी और उनके माता पिता द्वारा पैसा लेने या जमीन लिखवाने का आरोप लगाया था. मोदी ने आरोप लगाया था कि लालू परिवार ने पहले भी तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कई नेताओं से जमीनें लिखवाई हैं.
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