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This Article is From Sep 01, 2020

कट्टर संघी और BJP के दूसरे मोदी को कितना जानते हैं आप

Bihar Election News: 1952 में जन्में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बीएस कॉलेज, पटना से बीएससी की डिग्री ली है.  पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे सुशील मोदी 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में महासचिव पद का चुनाव जीत चुके हैं.

कट्टर संघी और BJP के दूसरे मोदी को कितना जानते हैं आप
Bihar Elections: सुशील कुमार मोदी जेपी आंदोलन से निकले हुए नेता हैं.
नई दिल्ली:

Bihar Election 2020 : 1952 में जन्में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बीएस कॉलेज, पटना से बीएससी की डिग्री ली है.  पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे सुशील मोदी 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में महासचिव पद का चुनाव जीत चुके हैं. इसी दौरान लालू यादव  पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष  थे. इस लिहाज से उन दिनों लालू यादव सुशील मोदी के बॉस थे.  सुशील मोदी बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के भी सदस्य बने. ये वही संगठन है जिसने 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार के प्रसिद्ध छात्र आंदोलन को पूरे देश में फैलाया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में घोषित आपालकाल के दौरान सुशील मोदी मीसा कानून के तहत 5 बार गिरफ्तार किये गये और इस दौरान उन्हें 24 महीने जेल में रहना पड़ा. 

इमरजेंसी खत्म होने के बाद, सुशील मोदी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्टेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया. 1977 से 1986 तक, सुशील मोदी स्टेट ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, ऑल इंडिया सेक्रेटरी, इन-चार्ज ऑफ यूपी एंड बिहार और विद्यार्थी परिषद के ऑफ इंडिया जनरल सेक्रेटरी के पदों पर आसीन रहे.  

1990 में, उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा.  पटना सेंट्रल असेंबली से (जिसे अब कुम्हरार विधानसभा के नाम से जाना जाता है) मोदी  से चुनाव लड़ा और जीता भी.  उन्होंने अपोजिशन के लीडर के तौर पर पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के विरूद्ध पब्लिक इंटरस्ट लिटिगेशन दायर की जिसे बाद में चारा घोटाले के नाम से जाना गया. उन्होंने झारखंड के निर्माण का भी समर्थन किया.   सुशील कुमार मोदी भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं जो जुलाई 2017 से बिहार के उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.  

उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1973 में बॉटनी ऑनर्स किया.  1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान सुशील कुमार मोदी ने स्कूल के छात्रों को संगठित करने और लामबंद करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी. नागरिकों और छात्रों को अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित करने हेतु उन्हें गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के समादेष्टा(कमांडेंट) के रूप में नियुक्त किया गया था. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं. 

1968 में उन्होंने तीन साल के अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (ओटीसी), उच्चतम आरएसएस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को पूरा किया.  मैट्रिक के बाद, उन्होंने एक महीने विस्तारक के रूप में कार्य किया और दानापुर, खगौल में काम किया. उन्होंने विभिन्न आरएसएस शाखाएं शुरू कीं. बाद में, वह आरएसएस पटना टाउन की शाम की शाखाओं के प्रभारी बने. 

2004 में भागलपुर से 14 वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। उन्होंने सीपीएम के सुबोध रे को हराया, 2005 में सत्ता में एनडीए आने बाद, उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. वह बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री हैं. उन्होंने किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा. उन्हें वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है. साल 2017 में बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार के पतन के पीछे वह मुख्य खिलाड़ी थे. 

सुशील कुमार मोदी की पत्नी का नाम जेसी जॉर्ज है और उनके दो बेटे हैं. मोदी ने 'क्या बिहार भी बनेगा असम' और 'रिजर्वेशन' नाम से दो किताबें लिखी हैं. वो चीन, फ्रांस, हॉलैंड, इजराइल, इटली मॉरीशस, श्रीलंका, स्विटजरलैंड, यूके और यूएसए की यात्रा कर चुके हैं.  

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