
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अरबों रुपये के मध्यस्थता अवार्ड को वेदांता के पक्ष में बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कहा कि मलेशियाई अदालत ने इस मुद्दे की सही जांच की है. अवार्ड ने भारत की सार्वजनिक नीति को खारिज नहीं किया है क्योंकि यह बाद की घटना है.
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कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन अदालत साक्ष्य को दोबारा नहीं दे सकती है. दरअसल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक विदेशी मध्यस्थता अवार्ड के खिलाफ अपील की थी जिसमें वेदांता और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को सरकार द्वारा 198 मिलियन डॉलर के बजाय 499 मिलियन डालर की वसूली करने की अनुमति दी गई थी. ये अवार्ड साल 2000 से 2007 के बीच आंध्र प्रदेश तट से राववा तेल और गैस क्षेत्रों के विकास के लिए दिया गया था.
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