फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत बरकरार रखी है. दिल्ली हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है और केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले की सुनवाई करेगा. स्पेशल फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया है। हालांकि सिंघल हाइकोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा हो चुके हैं. इससे पहले भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं केंद्र ने सिंघल के रिहा होने का विरोध किया और कहा हम दूसरा माल्या नहीं चाहते. पासपोर्ट रखने से कुछ फर्क नहीं होगा. जांच के दौरान बाहर आए तो ये अनुचित होगा. केंद्र ने कहा कि जांच प्रारंभिक दौर में हैं। बैंक फ्रॉड का केस है जो एक हजार करोड तक पहुंच सकता है. वो बैंक के अफसरों को घूस दे रहा है.
ये गंभीर मामला है. 87 फर्जी कंपनियों को उसके कर्मचारियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. उसे जमानत नहीं दी जा
सकती. दरअसल स्पेशल फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल को अंतरिम जमानत के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को ही अंतरिम जमानत दी है. सिंघल पर 25 सौ करोड़ का लोन फ्रॉड करने का आरोप है. अगस्त 2017 में गिरफ्तारी का अधिकार मिलने के बाद SFIO ने ये पहली गिरफ्तारी की थी. सिंघल आठ अगस्त से न्यायिक हिरासत में थे.
भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया है। हालांकि सिंघल हाइकोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा हो चुके हैं. इससे पहले भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं केंद्र ने सिंघल के रिहा होने का विरोध किया और कहा हम दूसरा माल्या नहीं चाहते. पासपोर्ट रखने से कुछ फर्क नहीं होगा. जांच के दौरान बाहर आए तो ये अनुचित होगा. केंद्र ने कहा कि जांच प्रारंभिक दौर में हैं। बैंक फ्रॉड का केस है जो एक हजार करोड तक पहुंच सकता है. वो बैंक के अफसरों को घूस दे रहा है.
ये गंभीर मामला है. 87 फर्जी कंपनियों को उसके कर्मचारियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. उसे जमानत नहीं दी जा
सकती. दरअसल स्पेशल फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंघल को अंतरिम जमानत के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को ही अंतरिम जमानत दी है. सिंघल पर 25 सौ करोड़ का लोन फ्रॉड करने का आरोप है. अगस्त 2017 में गिरफ्तारी का अधिकार मिलने के बाद SFIO ने ये पहली गिरफ्तारी की थी. सिंघल आठ अगस्त से न्यायिक हिरासत में थे.
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