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This Article is From Feb 05, 2022

भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल रखा जाए : विश्वास सारंग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने एक दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि केंद्र सरकार ने राज्य के होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम और बाबई कस्बे का नाम बदलकर प्रसिद्ध हिंदी कवि और पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर माखन नगर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है.

भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल रखा जाए : विश्वास सारंग
सारंग ने इन दोनों जगहों के नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चौहान का आभार व्यक्त किया.
भोपाल:

होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने के फैसले का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने शुक्रवार को मांग की कि 11वीं सदी के शासक राजा भोज के सम्मान में राज्य की राजधानी भोपाल (Bhopal) का नाम बदलकर भोजपाल रखा जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने एक दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि केंद्र सरकार ने राज्य के होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम और बाबई कस्बे का नाम बदलकर प्रसिद्ध हिंदी कवि और पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर माखन नगर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है.

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सारंग ने इन दोनों जगहों के नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं लंबे समय से भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने की मांग कर रहा हूं. मैंने राज्य विधानसभा में भी यह मांग उठाई है और अब मैं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगा.'' उन्होंने कहा कि कुछ शहरों और गांवों के नाम बदलने के पीछे का विचार उन्हें उनके औपनिवेशिक अतीत से अलग करना है. उन्होंने कहा, ‘‘गुलामी के हर प्रतीक शहरों और गांवों के नाम हम बदलेंगे. जो शहरों एवं गांवों के नाम हमें गुलामी की याद दिलाते हैं वे मध्यप्रदेश में नहीं रहेंगे.''

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बीजेपी (BJP) नेता ने कहा कि नर्मदा नदी राज्य की जीवन रेखा है और इसके तट पर स्थित होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करना स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा, ‘‘होशंगाबाद को अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाएगा. कांग्रेस के नेता यह मानते हैं कि यह हमारा भगवा ऐजेंडा है. हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. हम हर गुलामी के प्रतीक को बदलेंगे.'' सारंग ने कहा, ‘‘बाबा कुंडेश्वर के सम्मान में टीकमगढ़ जिले का शिवपुरी अब कुंडेश्वर धाम के नाम से जाना जाएगा. बाबा कुंडेश्वर की कृपा और उनकी अनुकंपा टीकमगढ़ जिले समेत पूरे मध्यप्रदेश में है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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