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This Article is From Jun 07, 2015

रहें सतर्क : यूजीसी ने साफ किया, ऑनलाइन पढ़ाई के कार्यक्रम को नहीं मिली है मान्यता

रहें सतर्क : यूजीसी ने साफ किया, ऑनलाइन पढ़ाई के कार्यक्रम को नहीं मिली है मान्यता
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि उसने अभी तक किसी विश्वविद्यालय या संस्थान को 'ऑनलाइन' कार्यक्रम चलाने के लिए मान्यता नहीं प्रदान की है।

यूजीसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान नीति के तहत राज्य विश्वविद्यालय (निजी और सरकारी) उस राज्य से बाहर अपना परिसर या स्टडी सेंटर स्थापित नहीं कर सकते जहां वे स्थित हैं और उस राज्य के भीतर भी निजी विश्वविद्यालयों को अपना स्टडी सेंटर या परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से पूर्व अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा।

यूजीसी के अनुसार, उसके संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ विश्वविद्यालय या ‘डीम्ड टू बी’ विश्वविद्यालय या संस्थान मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) के जरिये शिक्षा प्रदान करने की पेशकश कर रहे हैं जो इस बारे में नीतियों का खुला उल्लंघन है। ये संस्थान या विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों के बारे में भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी कर रहे हैं जिसमें इनके यूजीसी से मान्यता मिलने की बात कही गई है।

आयोग ने इस बारे में सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया और कहा है कि डीम्ड टू बी विश्वविद्यालयों को मुख्य परिसर से बाहर अपना स्टडी सेंटर या परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से पूर्व अनुमति लेना जरूरी है।

यूजीसी ने कहा है कि किसी भी विश्वविद्यालय या डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय को मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) के तहत इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में डिप्लोमा या स्नातक या स्नातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम पेश करने की अनुमति नहीं है। आयोग ने कहा कि इस बारे में नीतियां स्पष्ट हैं। आयोग ने यह भी कहा कि उसने अभी तक किसी विश्वविद्यालय या संस्थान को 'ऑनलाइन' कार्यक्रम चलाने को मान्यता नहीं प्रदान की है। यूजीसी ने छात्रों, अभिभावकों और सामान्य लोगों से यूजीसी की वेबसाइट पर दर्ज मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची देखने को कहा है जिन्हें ओडीएल के जरिये पाठ्यक्रम पेश करने की अनुमति दी गई है।

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