
बेंगलुरु की प्रतिष्ठित दवा कंपनी बायोकोन (Biocon) का दावा है कि कोरोनावायरस के इलाज में उसकी दवा कारगर है. डीजीसीआई (Drug Controller General of India) ने इसकी इजाजत दे दी है. इस दवा में एक मरीज़ के इलाज पर 32 हज़ार से 48 हज़ार रुपये प्रति इंजेक्शन का खर्च आएगा. बायोकोन प्रमुख किरण मजूमदार शाह ने इटो-लिजू-मेब (Itolizumab) इंजेक्शन को कोरोना के इलाज में सुरक्षित और भरोसेमंद बताया है. इस दवा का इस्तेमाल सोराईसीस नाम की बीमारी में काफी समय से हो रहा है.बायोकोन प्रमुख किरण मजूमदार शाह ने कहा, ''हमारी दवा का इस्तमाल कोरोना के माइल्ड और सीवियर दोनों तरह के मरीज़ों पर असरदार है. ये दवा इम्युन सिस्टम को डी रेग्युलेट कर साइटोकाइन को कंट्रोल करता है."
दरअसल इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए जब दवा का डोज ज्यादा दिया जाता है तो इम्यून सिस्टम हाइपर एक्टिव हो जाता है ऐसे में मरीज़ के जिस्म में साइटोकाइन रसायन काफी बनता है जो कि कई बार मौत की वजह बनता है. बायोकोन के मुताबिक इटो-लिजू-मेब (Itolizumab) के 25 एमजी के 5 एमएल इंजेक्शन की चार डोज़ एक मरीज़ के लिए काफी है. लेकिन कुछ मरीज़ों को 6 डोज़ भी देनी पड़ सकती है. 4 डोज़ की कीमत 32 हज़ार रुपये और 6 कि 48 हज़ार रुपए है
किरण मजूमदार शाह का कहना है, "हमारी दावा से 150 लोग ट्रायल के दौरान ठीक हुए. 20 मरीज़ कंट्रोल्ड ट्रायल में ठीक हुए. जबकि देश के अलग अलग हिस्सों में भी इसका ट्रायल हुआ 150 मरीज़ों पर हुआ और सभो को फायदा हुआ."इटो-लिजू-मेब (Itolizumab) को भले ही सरकार ने इजाज़त तो दे दी हो लेकिन इस दवा का असल इम्तेहान तो अब शरू होगा जब देश भर में इस को मरीज़ों पर इस्तेमाल किया जायेगा.
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