बेंगलुरु में सरकारी लापरवाही की वजह से बड़ी तादाद में राहत सामग्री सड़ गई, लेकिन इसे ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंचाया गया. अब इसे फेंका जा रहा है. हालांकि मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए है ताकि जवाबदेही तय की जा सके.
समय पर मिल जाती तो किसी की भूख मिटाती. लेकिन ये राहत सामग्री कूड़े में फेंकी जा रही है. दाल, चावल, मसाला, तेल- सब सड़ चुका है. यह किट लॉकडाउन में गरीबों की मदद के नाम पर तैयार की गई थी, लेकिन सड़ी हुई लालफ़ीताशाही ने इसे भी सड़ा दिया.
कोरोना का टीका बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट में शॉर्ट सर्किट से हुआ था अग्निकांड : अजीत पवार
कन्नड़ सफाई कर्मचारी हनुमानथैया ने कहा, ''"पूरे माल को इन लोगों ने खराब कर दिया. साहब कहते थे कि यहां से लोगों तक पहुंचाने में जो खर्च आएगा वह कौन देगा. शायद यही तय नहीं हो पा रहा था और सब खराब हो गया."
इसी जगह पर राशन किट सड़ गए, जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाए लालफीताशाही की वजह से अब इस जगह की साफ सफाई की जा रही है ताकि गंदगी और बदबू से छुटकारा मिल सके. बदबू इतनी है कि सफाई के लिए कई कर्मचारी लगाने पड़े. जब ये मामला सामने आया तो सब अपनी ज़िम्मेदारी से भागते नज़र आए. अब अफसर जांच की बात कर रहे हैं.''
असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर श्रीनिवास मूर्ति ने कहा, ''डिस्ट्रीब्यूशन में वार्ड इंजीनियर्स ने कोताही बरती है. कुछ किट्स को चूहों ने खराब कर दिया और कुछ सड़ गए जो अब आप देख रहे हैं. जांच के आदेश दे दिए गए हैं ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके.''
यूपी : किसानों को नहीं पता गन्ने का दाम, 2021 की पर्ची पर लिखा है 'जीरो-जीरो'
यह लॉकडाउन लाखों लोगों पर बहुत भारी गुज़रा. लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि उनके लिए तैयार अनाज उन तक ही नहीं पहुंचाया जाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं