यह ख़बर 11 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

महाराणा प्रताप से जुड़ा बेशकीमती हीरे, सोने और दुर्लभ मोती का हार बरामद, चोल काल की मूर्ति मिली

पुलिस द्वारा बरामद महाराणा प्रताप के परिवार से जुड़ा हार

बेंगलुरु:

बेंगलुरु के चोर उचक्के अब लंबा हांथ मारने की फिराक में दिख रहे हैं। कम से कम चोल काल की तीन बेशकीमती मूर्तियों और महाराणा प्रताप के बहुमूल्य हार की जब्त होने से तो यही लग रहा है।

बेंगलुरु पुलिस ने प्रॉपर्टी रिकवरी परेड शहर के कंटेरवा स्टेडियम में लगाया तो उसे देखने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, गृहमंत्री केजी जॉर्ज, डीजीपी एल पचाओ भी पहुंचे। सोने चांदी के ज़ेवरों, नक़दी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ-साथ इस रिकवरी परेड में सभी की निगाहें टिकी चमचमाते हीरे के एक हार पर और उन तीन मूर्तियों पर जो अलग दिख रही थी। हार के बारे में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप के परिवार से जुड़ा है यानी 16वीं सदी का है।

पुलिस ने जानकारों की मदद से जो अनुमान लगाया है उसके मुताबिक महाराणा प्रताप से जुड़े इस हार की कीमत तक़रीबन 18 करोड़ रुपये है। ये शुद्ध सोने, दुर्लभ मोती और बेशक़ीमती हीरों से बना है और काफी वज़नी है। तीनों मूर्तियां चोल काल की हैं। शुरुआती जांच से पता चला है कि शुद्ध धातु से बनी इन मूर्तियों में वज़न का 10 फीसदी सोने का इस्तेमाल हुआ है। फिलहाल इनकी कीमत 32 करोड़ आंकी गई है।

पुलिस को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट का इंतज़ार है जिससे इस हार और तीनों मूर्तियों के बारे में और जानकारी मिल पाएगी और तब इनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में और ज़्यादा हो सकती हैं।

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बेंगलुरु पुलिस ने पिछले छह महीने में तक़रीबन 100 करोड़ रुपये के मूल्य के ज़ेवरात, नगदी और दूसरे सामान चोर उचक्कों और लुटेरों से बरामद किए हैं। इसमें 83 किलो सोना, 105 किलो चांदी के ज़ेवरात शामिल हैं। इस सिलसिले में 3153 अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई है। हालांकि, पुलिस ने ये जानकारी फिलहाल नहीं दी है कि लूट-पाट, डकैती और छीन झपट के कितने मुक़दमे छह महीने के दौरान दर्ज हुए हैं।