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This Article is From Mar 31, 2021

"वायदों पर ऐतबार नहीं" : बंगाल में BJP की मछुआरों को रिझाने की कोशिश, 3 लाख का बीमा देने का वादा 

समित कुमार जना कहते हैं कोई सरकार हमारी सुध नहीं लेती है, ना कुछ देती है. बीजेपी ने बीमा की बात कही है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कोई देगा.

"वायदों पर ऐतबार नहीं" : बंगाल में BJP की मछुआरों को रिझाने की कोशिश, 3 लाख का बीमा देने का वादा 
बीजेपी ने 30 लाख मछुआरों के परिवार को रिझाने के लिये 3 लाख के बीमा की बात कही
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल चुनाव (Bengal Assembly Polls 2021) में हर पार्टी हर समुदाय के लोगों को साधने में लगी है. बीजेपी (BJP) ने घोषणापत्र में मछुआरों के लिए 3 लाख रुपये के बीमा का एलान किया है, लेकिन क्या इससे मछुआरे खुश हैं. दीघा फिशरमैन एसोसिएशन का दावा है कि पिछले साल यहां से लगभग 4000 करोड़ रुपये की मछलियों का कारोबार हुआ. दीघा मोहना बाजार में रोजाना औसतन तीन करोड़ रुपए का कारोबार होता है. बंगाल में इस बार बदलाव के नारे के साथ आई बीजेपी ने 30 लाख मछुआरों के परिवार को रिझाने के लिये 3 लाख के बीमा की बात कही है. 

मछुआरों के एसोसिएशन की मांगें और हैं. इस संगठन में 17,500 रजिस्टर्ड मछुआरे हैं. दीघा फिशरमैन एंड फिश ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव श्याम सुंदर दास का कहना है कि हमारी सबसे पहली मांग है कि डीजल पर सब्सिडी मिले, दूसरा 5 लाख बीमा हो, तीसरा सुंदरबन में फॉरेस्ट राइट दिये जाएं. बीजेपी ने 3 लाख की बात कही है वो ठीक है, लेफ्ट की सरकार में एक लाख का बीमा मिलता था, लेकिन तृणमूल के वक्त वो बंद हो गया.

एसोसिएशन के दफ्तर के पास ही लगभग 11 करोड़ रुपये की लागत से देश का पहला इंटरनेशनल फिश मार्केट बन रहा है. संगठन का कहना है कि राज्य सरकार ने खुद इसकी घोषणा की, लेकिन इसके निर्माण में कोई मदद नहीं मिली. हालांकि, कई ऐसे मछुआरे हैं जिन्हें वायदों पर कोई ऐतबार नहीं. 

समित कुमार जना कहते हैं कोई सरकार हमारी सुध नहीं लेती है, ना कुछ देती है. बीजेपी ने बीमा की बात कही है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कोई देगा. हमारा एसोसिएशन बीमा करवाता है. 

वहीं, सपन जना कहते हैं कि पहले कोरोना से फिर चुनाव में कारोबार धीमा हुआ है. कौन क्या देगा कोई भरोसा नहीं... मुझे नहीं पता खेला होगा या परिवर्तन. मेरा एक वोट था मैंने दे दिया... जो चुनकर आये उम्मीद है वो गरीब दुखियों की मदद करे.

पूरे पश्चिम बंगाल में 30 लाख मछुआरों के परिवार हैं. मछुआरों के संगठन का दावा है कि उनके वोटर एक करोड़ के आसपास हैं, लेकिन आरोप ये है कि हर दल उनके वोट की मांग करते हैं लेकिन उनकी ज़रूरतों का ध्यान नहीं रखते.

वीडियो: बंगाल के लिए BJP का संकल्प पत्र: CAA कानून को मंजूरी देने का वादा

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