
विदेश राज्यमंत्री एवं पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह
गोरखपुर:
आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के जरिये आतंकवादी घोषित कराने की भारत की ताजा कोशिश पर चीन की ओर अड़ंगा लगाए जाने के बीच विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए बीजिंग को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि खुद पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की आंच आने पर इस महाशक्ति को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
वह दिन दूर नहीं है, जब चीन भी पाक समर्थित आतंकवाद से प्रभावित होगा
पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा 'चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती बहुत मजबूत लगती है, लेकिन वह दिन दूर नहीं है, जब चीन भी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से प्रभावित होगा। जब ऐसा होगा तो चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।' उन्होंने कहा कि चीन की कूटनीति में पाकिस्तान का महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे में जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में चीन की दखलंदाजी को उसके पाकिस्तान के साथ रिश्तों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
अजहर पर प्रतिबंध की कोशिश में चीन ने डाला था अड़ंगा
गौरतलब है कि बीती दो जनवरी को पठानकोट में भारतीय वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादी हमला होने के बाद भारत ने फरवरी में संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखकर जैश-ए-मुहम्मद मुखिया मसूद अजहर को अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत आतंकवादियों की सूची में फौरन शामिल करने का आग्रह किया था।
आतंकवाद रोधी कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) ने भारत द्वारा इस प्रत्यावेदन के जरिये उपलब्ध कराए गए सबूतों के तकनीकी पहलुओं पर विचार करने के बाद उसे अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस के समर्थन के साथ सभी सदस्यों को भेजा था, मगर चीन ने समिति से कहा कि वह अजहर पर प्रतिबंध लगाने के विचार को अमल में ना लाए। संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर रखने वाले पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन का दावा है कि उसका फैसला तथ्यों और नियमों पर आधारित है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
वह दिन दूर नहीं है, जब चीन भी पाक समर्थित आतंकवाद से प्रभावित होगा
पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा 'चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती बहुत मजबूत लगती है, लेकिन वह दिन दूर नहीं है, जब चीन भी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से प्रभावित होगा। जब ऐसा होगा तो चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।' उन्होंने कहा कि चीन की कूटनीति में पाकिस्तान का महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे में जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में चीन की दखलंदाजी को उसके पाकिस्तान के साथ रिश्तों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
अजहर पर प्रतिबंध की कोशिश में चीन ने डाला था अड़ंगा
गौरतलब है कि बीती दो जनवरी को पठानकोट में भारतीय वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादी हमला होने के बाद भारत ने फरवरी में संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखकर जैश-ए-मुहम्मद मुखिया मसूद अजहर को अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत आतंकवादियों की सूची में फौरन शामिल करने का आग्रह किया था।
आतंकवाद रोधी कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) ने भारत द्वारा इस प्रत्यावेदन के जरिये उपलब्ध कराए गए सबूतों के तकनीकी पहलुओं पर विचार करने के बाद उसे अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस के समर्थन के साथ सभी सदस्यों को भेजा था, मगर चीन ने समिति से कहा कि वह अजहर पर प्रतिबंध लगाने के विचार को अमल में ना लाए। संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर रखने वाले पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन का दावा है कि उसका फैसला तथ्यों और नियमों पर आधारित है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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