बदायूं में दो नाबालिग चचेरी बहनों के शव पेड़ से लटके मिलने के मामले में पीड़ित परिजनों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस रिपोर्ट पर हैरानी जताई है, जिसके अनुसार यह दुष्कर्म और हत्या का मामला नहीं, बल्कि आत्महत्या का मामला है।
पीड़ित परिवार ने कहा कि वे सीबीआई की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं। परिवार चाहता है कि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले।
मृतक लड़कियों में से एक के पिता ने कहा कि सीबीआई ने लड़की और गांव के ही एक लड़के के बीच प्रेमप्रसंग की जो कहानी सुनाई है, वह गले से नीचे नहीं उतरती। चूंकि जांच एजेंसी यह नहीं बता पाई है कि अगर उनके बीच प्रेम प्रसंग था, तो दूसरी किशोरी ने आत्महत्या क्यों की।
ग्रामीणों का दावा है कि दोनों किशोरियां किसी बात को लेकर तनाव में नहीं थीं। परिवार के एक सदस्य ने बताया, आत्महत्या की बात बिल्कुल मनगढ़ंत कहानी है। उन्होंने सवाल उठाया कि किशोरियां भला 20 फुटे ऊंचे आम के पेड़ पर कैसे चढ़ गईं?
सीबीआई की इस रिपोर्ट के बाद जुबानी जंग छिड़ गई है। किशोरियों से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में चौतरफा विरोध झेल रही समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के लिए सीबीआई की यह रिपोर्ट क्लीनचिट के रूप में देखी जा रही है।
राज्य सरकार के शहरी विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान ने मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली और मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। लेकिन बीजेपी ने मीडिया के खिलाफ आजम की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि पुलिस ने ही प्रारंभ में कहा था कि किशोरियों की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी।
प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार दुष्कर्म एवं हत्या की पुष्टि करने वाले बदायूं के एसएसपी और यूपी के डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जिन्होंने इस मामले में कथित संलिप्तता के लिए कुछ पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं