नई दिल्ली:
राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रही दो-वर्षीय मासूम फलक की मां मुन्नी ने फलक को उसे सौंपे जाने की मांग की है। 22-वर्षीय मुन्नी, जिसे कल राजस्थान से दिल्ली लाया गया था, ने पुलिस से कहा है कि वह फलक को अपने पास रखकर उसकी देखभाल करना चाहती है, और वह बच्ची की कस्टडी के सिलसिले में शायद आज शाम को ही चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से भी मुलाकात करेगी। उधर, बिहार के मुजफ्फरपुर से ढूंढकर लाई गई फलक की बड़ी तीन-वर्षीय बहन सनोबर को पुलिस ने मुन्नी को सौंप दिया है, लेकिन फलक का पांच-वर्षीय भाई अब भी लापता है। वैसे फलक अब भी वेन्टिलेटर पर है, जबकि सनोबर की जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे स्वस्थ बताया है।
पुलिस के मुताबिक मामले में गिरफ्तार की जा चुकी लक्ष्मी ही सनोबर को मुजफ्फरपुर छोड़ आई थी, और पुलिस को वह लक्ष्मी के पड़ोसी के घर से मिली। इस बीच, दिल्ली पुलिस की स्पेशल शाखा ने मामले में दो और लोगों राहुल और राणा को हिरासत में लिया है। बताया जाता है कि राहुल और राणा मामले के आरोपी राजकुमार के सहयोगी हैं, हालांकि राजकुमार अब तक फरार है।
डॉक्टरों का कहना है कि फलक की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है, इसलिए उसे वेन्टिलेटर पर रखा गया है। फलक के शरीर में इन्फेक्शन तो कम हुआ है, लेकिन दिमागी बुखार और फेफड़ों में संक्रमण बना हुआ है। इस बीच, एम्स के डॉक्टरों ने फलक की मां मुन्नी का भी डीएनए टेस्ट किया है, ताकि इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो सके कि वही फलक की मां है। दिल्ली पुलिस मुन्नी को सोमवार को ही राजस्थान से लाई थी।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही यह खुलासा किया था कि फलक की मां मुन्नी खातून इंसानी खरीद-फरोख्त का शिकार हुई है। पुलिस के मुताबिक बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली मुन्नी की शादी वर्ष 2006 में मोहम्मद शाह हुसैन नाम के व्यक्ति से हुई थी, लेकिन पति की बुरी आदतों के चलते वह लक्ष्मी नाम की एक महिला के कहने पर दिल्ली आ गई। लक्ष्मी ने रोहतक की सरोज के साथ मिलकर जयपुर की रहने वाली कांता चौधरी से संपर्क साधा और तीनों महिलाओं ने बीते साल 1 सितंबर को मुन्नी की शादी झुंझुनूं के हरपाल सिंह से करा दी और हरपाल से इसकी एवज में सवा दो लाख रुपये वसूले, जबकि मुन्नी के तीन बच्चों को अलग-अलग लोगों को दे दिया गया। सबसे छोटी फलक को राजकुमार नाम के व्यक्ति को दिया गया था।
पुलिस ने इस मामले में लक्ष्मी और कांता को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि राजकुमार, सरोज, गुड्डू और मनोज नाम के शख्स की तलाश की जा रही है। इन्हें मिलाकर मामले में अब तक छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि फलक को इसी साल 18 जनवरी को एक 14-वर्षीय लड़की एम्स लाई थी और फिर उसे वहीं छोड़कर भाग गई थी। फलक के सिर पर गम्भीर चोटें थी और चेहरे पर दांतों से काटे जाने के निशान थे। बाद में वह 14-वर्षीय लड़की भी पकड़ी गई थी, जो फिलहाल सुधार गृह में है।
पुलिस के मुताबिक मामले में गिरफ्तार की जा चुकी लक्ष्मी ही सनोबर को मुजफ्फरपुर छोड़ आई थी, और पुलिस को वह लक्ष्मी के पड़ोसी के घर से मिली। इस बीच, दिल्ली पुलिस की स्पेशल शाखा ने मामले में दो और लोगों राहुल और राणा को हिरासत में लिया है। बताया जाता है कि राहुल और राणा मामले के आरोपी राजकुमार के सहयोगी हैं, हालांकि राजकुमार अब तक फरार है।
डॉक्टरों का कहना है कि फलक की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है, इसलिए उसे वेन्टिलेटर पर रखा गया है। फलक के शरीर में इन्फेक्शन तो कम हुआ है, लेकिन दिमागी बुखार और फेफड़ों में संक्रमण बना हुआ है। इस बीच, एम्स के डॉक्टरों ने फलक की मां मुन्नी का भी डीएनए टेस्ट किया है, ताकि इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो सके कि वही फलक की मां है। दिल्ली पुलिस मुन्नी को सोमवार को ही राजस्थान से लाई थी।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही यह खुलासा किया था कि फलक की मां मुन्नी खातून इंसानी खरीद-फरोख्त का शिकार हुई है। पुलिस के मुताबिक बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली मुन्नी की शादी वर्ष 2006 में मोहम्मद शाह हुसैन नाम के व्यक्ति से हुई थी, लेकिन पति की बुरी आदतों के चलते वह लक्ष्मी नाम की एक महिला के कहने पर दिल्ली आ गई। लक्ष्मी ने रोहतक की सरोज के साथ मिलकर जयपुर की रहने वाली कांता चौधरी से संपर्क साधा और तीनों महिलाओं ने बीते साल 1 सितंबर को मुन्नी की शादी झुंझुनूं के हरपाल सिंह से करा दी और हरपाल से इसकी एवज में सवा दो लाख रुपये वसूले, जबकि मुन्नी के तीन बच्चों को अलग-अलग लोगों को दे दिया गया। सबसे छोटी फलक को राजकुमार नाम के व्यक्ति को दिया गया था।
पुलिस ने इस मामले में लक्ष्मी और कांता को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि राजकुमार, सरोज, गुड्डू और मनोज नाम के शख्स की तलाश की जा रही है। इन्हें मिलाकर मामले में अब तक छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि फलक को इसी साल 18 जनवरी को एक 14-वर्षीय लड़की एम्स लाई थी और फिर उसे वहीं छोड़कर भाग गई थी। फलक के सिर पर गम्भीर चोटें थी और चेहरे पर दांतों से काटे जाने के निशान थे। बाद में वह 14-वर्षीय लड़की भी पकड़ी गई थी, जो फिलहाल सुधार गृह में है।
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