योग गुरु बाबा रामदेव को हीथ्रो हवाई अड्डे पर ब्रिटिश सीमा शुल्क अधिकारियों ने पूछताछ के लिए छह घंटे से अधिक समय तक रोके रखा।
सूत्रों ने बताया कि बाबा रामदेव यहां बिजनेस वीजा के बजाय विजिटर वीजा पर आए थे इसलिए कस्टम अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।
मीडिया में आई कुछ खबरों में यह भी बताया गया है कि रामदेव से कुछ उन दवाओं के बारे में पूछा गया जिन्हें वह अपने साथ यहां लाए हैं। उनके प्रवक्ता एसके तेजरावाला ने इन रिपोर्टों को आधारहीन बताया कि उनसे कुछ दवाएं लाने के कारण पूछताछ की गई।
तेजारवाला ने बताया, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि योग गुरु को किसलिए हीथ्रो पर छह घंटे से अधिक समय तक रोक कर रखा गया। वह अपने साथ अपने निजी सामान के अलावा कुछ भी नहीं लिए हुए थे। यह तो ब्रिटिश प्रशासन ही बता सकता है कि उन्हें क्यों रोका गया।’
बाबा रामदेव यहां एक समारोह में भाग लेने के लिए आए हैं। समारोह के आयोजकों में से एक ने बताया कि वह अपने साथ हिंदी और संस्कृत में लिखी कुछ किताबें लिए हुए थे जिसे लेकर उनसे पूछताछ की गई है। अधिकारियों ने रामदेव को छह घंटे से अधिक समय तक रोक कर रखा और उसके बाद उन्हें जाने दिया गया। हालांकि, उन्हें रोके जाने का असली कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
वह यहां अगले कुछ दिन में स्वामी विवेकानंद की 120वीं वर्षगांठ मनाए जाने के मौके पर पतंजलि योगपीठ द्वारा आयोजित समारोह में भाग लेने आए हैं।
सूत्रों ने बताया कि बाबा रामदेव यहां बिजनेस वीजा के बजाय विजिटर वीजा पर आए थे इसलिए कस्टम अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।
मीडिया में आई कुछ खबरों में यह भी बताया गया है कि रामदेव से कुछ उन दवाओं के बारे में पूछा गया जिन्हें वह अपने साथ यहां लाए हैं। उनके प्रवक्ता एसके तेजरावाला ने इन रिपोर्टों को आधारहीन बताया कि उनसे कुछ दवाएं लाने के कारण पूछताछ की गई।
तेजारवाला ने बताया, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि योग गुरु को किसलिए हीथ्रो पर छह घंटे से अधिक समय तक रोक कर रखा गया। वह अपने साथ अपने निजी सामान के अलावा कुछ भी नहीं लिए हुए थे। यह तो ब्रिटिश प्रशासन ही बता सकता है कि उन्हें क्यों रोका गया।’
बाबा रामदेव यहां एक समारोह में भाग लेने के लिए आए हैं। समारोह के आयोजकों में से एक ने बताया कि वह अपने साथ हिंदी और संस्कृत में लिखी कुछ किताबें लिए हुए थे जिसे लेकर उनसे पूछताछ की गई है। अधिकारियों ने रामदेव को छह घंटे से अधिक समय तक रोक कर रखा और उसके बाद उन्हें जाने दिया गया। हालांकि, उन्हें रोके जाने का असली कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
वह यहां अगले कुछ दिन में स्वामी विवेकानंद की 120वीं वर्षगांठ मनाए जाने के मौके पर पतंजलि योगपीठ द्वारा आयोजित समारोह में भाग लेने आए हैं।
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