New Delhi:
दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठे योग गुरु बाबा रामदेव और उनके हजारों समर्थकों पर रविवार तड़के की गई पुलिस कार्रवाई को सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने 'अलोकतांत्रिक' बताते हुए इसकी निंदा की है। समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वामी अग्निवेश ने बाबा रामदेव के आंदोलन से स्वयं को अलग रखा था, लेकिन रविवार तड़के की गई पुलिस कार्रवाई को उन्होंने 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। अग्निवेश ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, इसे किसी भी तरह से माफ नहीं किया जा सकता।" बाबा रामदेव के अनशन स्थल पर पुलिस कार्रवाई के कुछ ही घंटे बाद स्वामी अग्निवेश ने यह बात कही। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अनशन स्थल पर मौजूद हजारों लोगों को हटाने के लिए लाठियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। अग्निवेश ने कहा कि अनशन स्थल पर इस तरह की पुलिस कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारियों को सुबह तक वहां रुकने की अनुमति मिलनी चाहिए थी.. और शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें जाने देना चाहिए था। यह पूरी तरह से गैर जरूरी था।" उन्होंने कहा, "सरकार और रामदेव के बीच जो समझौता हुआ मैं उससे सहमत नहीं हूं। आखिर मीडिया और देश की जनता को धोखे में क्यों रखा गया। यह पूरा मामला अलोकतांत्रिक था।" वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता एवं भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाए जा रहे लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार कर रही समिति के सह-अध्यक्ष शांति भूषण ने कहा, "सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर कार्रवाई का कोई हक नहीं है।" भूषण ने कहा, "यह पूरी तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का मूल अधिकार प्राप्त है।" उन्होंने कहा, "मैं बाबा रामदेव का समर्थक नहीं हूं लेकिन मैं देश के लोगों का समर्थक हूं। उन्होंने ने जो किया मैं उससे सहमत नहीं हूं लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है।"
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