अयोध्या विवाद के फैसले को लेकर यूपी में जबरदस्त सुरक्षा इंतज़ाम किए जा रहे हैं. अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से नज़र रखी जा रही है और बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात की गई है. यूपी के तमाम जिलों में पुलिस को दंगा काबू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. गिरफ्तारी की जरूरत पड़ने पर आठ टेंपरेरी जेलें बना दी गई हैं. साथ ही सद्भाव के लिए हर जिले में सम्मेलन हो रहे हैं. ड्रोन के जरिए आसमान से अयोध्या की निगरानी शुरू हो गई है. सरयू तट से लेकर हर बड़े मंदिर पर आसमान से भी नज़र रखी जा रही है. एक ऐसे वक्त जब अयोध्या पर फैसला आने को है यहां 84 कोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा की वजह से लाखों लोग आ रहे हैं. इसलिए यह चुनौती बहुत बड़ी है, लेकिन ज़मीन पर भी कोई कम इंतज़ाम नहीं हैं.
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि 'हम पूरी कर्मठता के साथ और व्यापक तौर पर प्रदेश के कोने-कोने में निगरानी रख रहे हैं. हमने अपनी इंटेलिजेंस मशीनरी को गियर अप कर रखा है. हमारे वॉलेंटियर, हमारे पुलिस कर्मी जगह-जगह सब पर नजर रखे हुए हैं. और यदि जरूरत होगी तो हम अपराधियों के विरुद्ध नेशनल सिक्यूरिटी एक्ट भी लगा सकते हैं.'
जगह-जगह पुलिस रिहर्सल कर रही है कि अगर कहीं दंगा भड़क जाए तो वह दंगाइयों से कैसे निपटे और और जनता को उनसे कैसे बचाए. इसके लिए तमाम जिलों की पुलिस लाइनों में दंगाई बने सादे लिबास में पुलिस वाले वर्दी वाले पुलिस वालों पर पथराव करते हैं...और वर्दी वाले उन्हें काबू में करते हैं.
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इटावा के एसएसपी संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि 'हमारी तैयारी अयोध्या का जो डिसीजन आना है, और जो हुमारी चुनौतियां हैं, उसके दृष्टिगत हैं. जनपद इटावा में पुलिस की कानून व्यवस्था के हिसाब से तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. जितनी भी गाड़ियों की जरूरत है, जितनी भी फोर्स की जरूरत है, वह सारी स्ट्रेटजी बना ली गई है.'
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पिछले जुमे को यूपी की तमाम मस्जिदों में पेश इमामों ने अपने अपने ख़ुतबों में अपील की थी कि यह महीना पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश का है इसलिए इसके एहतेराम में कुछ गलत न करें. और अगर कोई गलत कर रहा है तो उसका जवाब न दें. लखनऊ में आज भी ईदगाह में एक सर्वधर्म सम्मेलन हुआ जिसमें फ़ैसले के बाद शांति रखने की अपील की गई.
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पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद ने कहा कि 'न कोई नारेबाज़ी करें, न कोई ऐसा क़दम उठाएं, न कोई ऐसा स्टेटमेंट दें.. जिससे दूसरी कम्युनिटी के रिलीजियस सेंटिमेंट या दूसरी कम्यूनिटी के मज़हबी जज़्बात मजरूह हों या उसको ठेस पहुंचे. जिससे कि पूरे तरीक़े से पूरे मुल्क में अमन-ओ-अमान कायम रहे.'
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लेकिन इतने संवेदनशील मुद्दे पर सोशल मीडिया पर तमाम गैर जिम्मेदार और धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पोस्टें और वीडियो मौजूद हैं. उन पर चेक नहीं लग पाया है.
VIDEO : अयोध्या के फैसले से पहले कड़ी सुरक्षा
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