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This Article is From Oct 14, 2019

Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई

अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही पूरी होने के आसार

Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सुन्नी वक्फ बोर्ड यूपी के चेयरमैन ने मध्यस्थता कमेटी को पत्र भेजा
पत्र में जान का खतरा बताया, चीफ जस्टिस ने पत्र पढ़ा
यूपी सरकार से कहा- तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस केस की सुनवाई बुधवार को भी खत्म हो सकती है. यानी कि 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चार अक्टूबर को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान कहा था कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी.

सीजेआई रंजन गोगोई ने अयोध्या के इस मामले से संबंधित सभी पक्षों से कहा था कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में अब यदि सुनवाई 16 अक्टूबर तक ही चलती है तो बहस अब सिर्फ दो दिन और होगी.

अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी सुनवाई होगी. यदि बुधवार तक सुनवाई पूरी हो जाती है तो कोर्ट में 16 अक्टूबर तक कुल 40 दिन की सुनवाई होगी. इससे पहले मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारती बनाम केरल केस में 13 जजों के पीठ ने पांच महीने में 68 दिन सुनवाई की थी. यह सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 से शुरू होकर 23 मार्च 1973 तक चली थी. जबकि 2017 में आधार की अनिवार्यता के मामले की सुनवाई 38 दिन चली थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की 38 दिन की सुनवाई पूरी हुई.

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अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड यूपी के चेयरमैन ने मध्यस्थता कमेटी के सदस्य श्रीराम पंचू को पत्र भेजा है.  इस पत्र में उन्होंने जान का खतरा बताया है. चीफ जस्टिस ने आज ओपन कोर्ट में यह पत्र पढ़ा. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि उन्हें तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

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